हजारीबाग की ख्यातिपूर्ण रामनवमी जुलुस में हिंदुत्व का जनसैलाब उतरेगा सडकों पर…

ऐसे में विगत 02 वर्षों से कोविड़-19 के फैलते प्रभाव को रोकने के लिए राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के आधार पर धार्मिक जुलूस पर प्रतिबंध के कारण रामनवमी जुलूस नहीं निकला। लेकिन वर्तमान वर्ष हजारीबाग में कोरोना के एक भी मामले वर्तमान समय में नहीं होने के कारण ऐतिहासिक रामनवमी जुलूस को पारंपारिक तरीके से निकालने को लेकर राम भक्तों में एक जुनून सवार है। लोगों का उत्साह भी पूर्व की भांति दोगुनी है ।

हजारीबाग सदर विधायक हिन्दू हृदय सम्राट मनीष जायसवाल समेत मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के अन्य अनुयायियों द्वारा समेकित रूप से सरकार से निरंतर जुलूस पर लगाए गए प्रतिबंध हटाते हुए रामनवमी जुलूस निकालने की अनुमति की मांग पर सरकार तो झुकी लेकिन ऐसा अधिसूचना जारी किया जिसमें जुलूस के पारंपारिक अस्तित्व को मिटाने की मंशा साफ प्रतीत होती है। सरकार की अधिसूचना जारी होने के बाद हजारीबाग के राम भक्तों में सरकार के खिलाफ भारी रोष देखा जा रहा है और लोग इसके विरोध के लिए रणनीति बना रहें हैं। सदर विधायक मनीष जायसवाल ने तो भारी रोष प्रकट करते हुए सरकार को चेताया भी है कि अगर इस पर पुनर्विचार नहीं हुआ तो राम भक्त सड़क पर उतरकर प्रतिकार करेंगे ।

इतिहास गवाह है पूरी दुनिया में उदारता, प्रेम और शांति के लिए प्रसिद्ध हिन्दू धर्म जब-जब खतरे में आया तब-तब हिंदु सम्राटों ने आगे आकर हिंदुत्व की रक्षा के लिए सर्वस्व निछावर कर दिया। हिंदुत्व की रक्षा के लिए हजारीबाग के हिन्दू सम्राटों ने जो सपने देखे है उसे पूरा करने के लिए वे कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं, तभी तो अब तक शांतिपूर्ण तरीके से डटे हुए है। आज नही तो कल सफलता तो मिलेगी ही, राज्य की वर्तमान गठबंधन सरकार को जल्द- से जल्द अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए अन्यथा जब सरकार हठधर्मिता और तुष्टीकरण पर उतारू हो जाएगी तो निश्चित तौर पर इसका अंज़ाम भी समय ही निर्णय करेगा। जिस दिन जाग उठा हिंदुत्व तो ये अंजमा बोलेगा, हजारीबाग का बच्चा-बच्चा सड़क पर उतरकर “जय जय श्री राम” बोलेगा ।

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