कर्म का फल तो भोगना पड़ता है – पीठाधीश्वर श्यामानंद जी महाराज
पटना।सर्व मंगला अध्यात्म योग विद्यापीठ बेगूसराय से जुड़े और इस पीठ के संस्थापक संरक्षक परमहंस स्वामी चिदात्मन महाराज उर्फ सिमरिया बाबा के शिष्य पीठाधीश्वर सह वरीय पत्रकार तथा महाकाल भैरव अखाड़ा संघ के राष्ट्रीय सचिव स्वामी श्यामानंद जी महाराज ने कहा है कि प्रारब्ध में जो लिखा है वह तो होकर ही रहेगा। ईश्वरीय विधान की कुछ ऐसी व्यवस्था है कि पूर्व जन्म में किए गए कर्म फल के साथ ही इस जन्म में भी किए गए कर्म का प्रत्यक्ष फल भी मानव को तुरंत मिलता है। परंतु वह अपनी गलतियों पर ध्यान न देकर परमपिता परमेश्वर को कोसने लगता है।
सावन की अंतिम सोमवारी पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए श्यामानंद जी ने कहा कि एक मछुआरा समुद्र में मछली मार रहा था। जब वह मारे गए मछलियों को लेकर अपने घर की ओर जा रहा था की अचानक एक संपन्न और ताकतवर व्यक्ति मछुआरे से उसकी एक मछली छीन लिया और अपने घर चला गया। उस संपन्न व्यक्ति ने जो मछली छीना था वह मछली जिंदा थी और उसने उसे व्यक्ति के उंगली में काटकर उसकी पकड़ से मुक्त होने का प्रयास किया ।परंतु ऐसा नहीं हो सका। मछली ने जिस उंगली में काटा था उस उंगली ने घाव हो गया और वह व्यक्ति डॉक्टर के पास अपने गाव दिखाने गया ।डॉक्टर ने उसके घाव की मरहम पट्टी कर दी और तीन लाइन बाद बुलाया। 3 दिन बाद व्यक्ति जब डॉक्टर के पास गया तो डॉक्टर ने कहा कि उसका जख्म सूखने के बजाय और हरा हो गया है। उसके उंगली को तुरंत नहीं काटा गया तो जहर पूरे शरीर में फैल जाएगा। व्यक्ति ने अपनी उंगली कटवा ली। इसके बाद भी वह जख्म सुख नहीं और धीरे-धीरे उसके पूरे एक हाथ को काटने पड़े ।
। । ।जब एक हाट कट गया तो डॉक्टर ने उसे व्यक्ति से पूछा। तुमने कोई बड़ी गलती की है क्या? उसे व्यक्ति को मछुआरे से मछली छीने जाने की घटना का स्मरण हो गया। उसने डॉक्टर को बताया कि उसने एक मछुआरे से उसकी एक मछली छीना था।डॉक्टर ने कहा जाओ तुरंत जाओ और उस व्यक्ति को खोजो। उससे माफी मांगो अगर वह माफ कर देगा तो शायद तुम्हारी जिंदगी बच जाय।
उसे व्यक्ति के काफी खोजने और भटकने के बाद उसे मछुआरे से मुलाकात हुई। उसने मछुआरे से कहा यार तुम कौन सा जादू टोना जानते हो तांत्रिक हो क्या तुमने ऐसा कौन सा जादू कर दिया जो मेरा यह हाल हो गया है। मछुआरे ने कहा मैंने कुछ नहीं किया ना मैं जादू टोना जानता हूं मैं तो एक साधारण मछुआरा हूं। मछली मार कर अपने परिवार का भरण पोषण करता हूं ।लेकिन जिस दिन तुमने मेरी मछली छीनी मैंने अपने दोनों हाथ ऊपर करके ऊपर वाले से कहा था ” या प्रभु इसने अपनी ताकत दिखाई है तू ।।इसे अपनी ताकत दिखा दे।”
रिपोर्ट अनमोल कुमार