दीपावली पर बिहार के कारीगरों के बनाए गए दीयों से रोशन होंगे घर

अनूप कुमार सिंह।
पटना। दीपावली के पावन अवसर पर बिहार के कुशल कारीगरों द्वारा निर्मित पारंपरिक दीये न केवल घरों को रोशन करेंगे!बल्कि स्थानीय हस्तशिल्प को भी एक नई पहचान देंगे। बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड, पटना द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गांधी मैदान, पटना स्थित खादी मॉल में बिहार के कुशल कुम्हारों के हाथ से बनाए गए दीये उपलब्ध करवाए गए हैं।जो विभिन्न रंगों, आकारों व डिज़ाइनों में उपलब्ध हैं। ये दीये मिट्टी, रंग-बिरंगी पेंटिंग और पारंपरिक कलाकारी के साथ बनाए गए हैं।जो हर घर को बेहतरीन रौनक बढ़ाएंगे। दीयों के साथ हाथ से बनी मोमबत्तियाँ भी खादी मॉल, पटना में उपलब्ध हैं। ये मोमबत्तियाँ बिहार की महिला उद्यमियों द्वारा तैयार की गई है। बरौनी ज़िले की रोली देवी अलग-अलग आकार और डिज़ाइन में हस्तनिर्मित मोमबत्तियों को तैयार कर खादी मॉल के माध्यम से उन्हें बिक्री कर पाने में सक्षम हो रही हैं। इनके बनाए मोमबत्तियों को ग्राहक ख़ूब पसंद कर रहे हैं। दीयों और मोमबत्तियों के साथ स्थानीय कारीगरों द्वारा निर्मित मिट्टी के बर्तन, चूल्हा-चुकिया, गया के पत्थरकट्टी जिले की प्रसिद्ध लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियाँ और दिवाली विशेष सजावटी वस्तुएं जैसे घरौंदा, तोरण, रंगोली मेकर इत्यादि भी उपलब्ध हैं। ये वस्तुएं बिहार के स्थानीय संस्कृति और शिल्पकला को दर्शाती हैं।गौरतलब हो कि बिहार में
दीपावली के पावन अवसर पर स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने की अपील करते हुए बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी निखिल धनराज ने कहा कि बिहार के कारीगरों के बनाए उत्पादों से अपने घरों को सजाने का संकल्प लें। इससे हमारी स्थानीय कला का सम्मान होगा और कारीगरों को त्योहार के समय प्रोत्साहन मिलेगा।वहीं
सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे दीपावली में बिहार के कारीगरों के दीयों की खरीददारी करें। और अपने घरों को रोशन करें। बिहार खादी निरंतर हस्तशिल्प और हस्तकला को बढ़ावा देकर बिहार के कलाकारों और उद्यमियों को पहचान देने में प्रयासरत है।

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