अब ‘भारत जोड़ो यात्रा 2.0’ पर निकलेंगे राहुल गांधी
नई दिल्ली : कन्याकुमारी से कश्मीर तक की भारत जोड़ो यात्रा की सफलता को अपनी वापसी के लिए मजबूत बुनियाद मान रही कांग्रेस ने देश के सबसे सुदूर पूर्व अरुणाचल प्रदेश से पश्चिम में गुजरात तक राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 2.0 की योजना पर चर्चा शुरू कर दी है। इस यात्रा को अरुणाचल के लोहित जिले के परशुराम कुंड से शुरू कर महात्मा गांधी की जन्मस्थली पोरबंदर में समाप्त करने की रूपरेखा पर पार्टी चर्चा कर रही है।
रायपुर में 24 से 26 फरवरी तक होने वाले कांग्रेस के प्लेनरी सत्र के बाद पूरब से पश्चिम तक की राहुल की अगली यात्रा को अंतिम रूप दिए जाने के संकेत हैं। लंबे अर्से से राजनीतिक संक्रमण के दौर से रूबरू हो रही कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा ने राजनीतिक संघर्ष की दिशा दिखाई है और 2024 के लोकसभा चुनाव तक पार्टी इसे नरम नहीं पड़ने देना चाहती। इसीलिए दक्षिण से उत्तर के बाद अगले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिहाज से पूरब और पश्चिम को जोड़ने की राहुल की प्रस्तावित यात्रा को पार्टी अपने प्रभावी सियासी अस्त्र के रूप में देख रही है।
परशुराम से गांधी तक
पार्टी के भरोसेमंद सूत्रों ने कहा कि राहुल के भारत जोड़ो यात्रा 2.0 की योजना पर अंदरूनी चर्चा शुरू हो गई है। अरुणाचल के परशुराम कुंड से गुजरात के पोरबंदर का रूट संभावित रूप से तय है। शीर्ष नेतृत्व इसकी अंतिम रूपरेखा और यात्रा की तारीख पर आने वाले दिनों में फैसला करेगा। अरुणाचल के लोहित जिले में स्थित परशुराम कुंड जहां से यात्रा शुरू करने की योजना है, वह पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान विष्णु के अवतार भगवान परशुराम से सीधे जुड़ा है। जबकि महात्मा गांधी की जन्म स्थली पोरबंदर की आधुनिक भारत के इतिहास में स्वर्णिम जगह है।
पार्टी के एक अन्य सूत्र ने कहा कि राहुल के पूरब से पश्चिम तक के यात्रा कॉरीडोर की रूपरेखा पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। कांग्रेस इस बात को खुले आम स्वीकार कर रही है कि भारत जोड़ो यात्रा ने देश भर में उसके नेताओं-कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिया है और इसीलिए पार्टी यात्रा की गूंज को ठंडा नहीं पड़ने देने के प्रयासों में जुटी है।