न मोदी और न ही नीतीश सरकार ने सीमांचल के लिए कुछ किया : ओवैसी

पूर्णिया : एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी बिहार के सीमांचल के अपने दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को अमौर विधानसभा क्षेत्र के रसेली घाट पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि हम सीमांचल का मुद्दा उठाते रहे हैं। यह हर मामले में सबसे पिछड़ा क्षेत्र है। यहां रासेली पुल का निर्माण अधर में लटका हुआ है। यहां एयरपोर्ट और रेलवे लाइनों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि न मोदी सरकार और न ही राज्य सरकार ने इस क्षेत्र के लिए कुछ किया।
ओवैसी ने कहा कि सीमांचल की दुर्दशा है कि यहां से चुने हुए लोग सत्ता में आने के बाद विकास से समझौता कर लेते हैं। अगर हर तीन किलोमीटर पर गंगा नदी पर पुल बन सकते हैं तो यहां क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों ने तकनीकी रूप से सीमांचल को संकट में डालने के लिए मजबूर किया है।
ओवैसी ने कहा कि हम सीमांचल के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। हम कोई एनजीओ नहीं हैं। हम आगामी चुनाव लड़ेंगे और जनता जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अडानी स्टॉक क्रैश हो गया तो फिर इस मामले में जांच बैठाने में सरकार को समस्या क्या है? उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को राज्य के बाहर कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और यहां सरकार के पास आंकड़े तक नहीं हैं
वहीं, ओवैसी ने बायसी में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने 22 साल तक बीजेपी का साथ दिया और आज उन्हें बीजेपी का बी टीम कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीमांचल के चार विधायकों को लालू के बेटे ने खरीद लिया लेकिन सीमांचल के साथ न्याय नहीं हुआ।
बता दें कि 2020 में ओवैसी की पार्टी को सीमांचल इलाके की सीटों पर जीत मिली थी। ऐसे में ओवैसी का बिहार में सारा सियासी दारोमदार मुस्लिम बहुल सीमांचल पर ही टिका है, जिसे बचाए रखने के लिए उतर रहे हैं। हालांकि बिहार में सियासी बदलाव के वक्त AIMIM के पांच में से चार विधायक राजद में शामिल हो गए थे।

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