मोई तो फूल में दिलो तोई केकरा देली, कुछ इस तरह की चर्चा खूंटी के शहर और गांव में होने लगी है…
खूंटी: जिले में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के साथ अब सभी की नजर स्ट्रॉन्ग रूम की तरफ टिक गई है, जहां पर कड़ी सुरक्षा के बीच ईवीएम रखे हुए हैं। चार जून को जब ईवीएम खुलेगा तब जीत और हार का फैसले होगा। इस बीच गांव हो या शहर सभी जगहों पर मतदान और प्रत्याशियों की चर्चा हो रही है। खासकर चाय की दुकान और चौक चौराहे पर बस एक ही चर्चा, अबरी बार के जीततो बाबा,मोई तो फूल में दिलो तोई केकरा देली। शहर के नीचे चौक स्थित मांझी होटल और ऊपर चौक पर मुंडा की चाय दुकान पर बैठे अशोक बड़ाईक, मांगरा मुंडा,जयकांत जायसवाल,रोशन मुंडू,साहिल अंसारी सहित कई लोग चाय की चुस्कियों के साथ आपस में बातें कर रहें थे। साहिल अंसारी ने कहा अडकी क्षेत्र के कई गांव में मूलभूत सुविधा नहीं होने से वहां के लोग केंद्र सरकार के खिलाफ वोट दिया है।यही नहीं भंडारा पंचायत में भी यही हाल रहा है। इतने में अशोक बड़ाईक ने कहा कि अड़की और भंडारा में पहले भी बीजेपी को वोट नहीं पड़ता था। कोलेबिरा,सिमडेगा,बुंडू में भी लोगों में नाराजगी के कारण हो सकता है कि दूसरी तरफ वोट पड़ा होगा। ईसाई और मुस्लिम इस बार अलग ही राह अपनाने का काम किया है। पता नहीं राहुल और मोदी से नाराज है। वहीं मांगरा मुंडा,जयकांत जायसवाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दे पर लोग वोट करते हैं। केंद्र में पीएम मोदी के नेतृत्व में मजबूत सरकार है और उन्हें और मौका मिलना चाहिए। खूंटी शहरी हो या ग्रामीण दोनों जगहों पर जनता ने मोदी पर विश्वास किया है। पीएम मोदी के हाथों को मजबूत करने के लिए लोग कमल का बटन दबाने का काम किया है। बगल में बैठे रोशन मुंडू,साहिल अंसारी ने कहा कि देश में बढ़ती मंहगाई और बेरोजगारी से जनता त्रस्त है और परिवर्तन का मूड बना चुकी है। खूंटी में इस बार परिवर्तन निश्चित रूप से होने वाला है। खूंटी से इस बार पंजा दिल्ली जाएगा और राहुल गांधी को पीएम बनने में मजबूत कदम उठाएगा। पिछली बार की हार का बदला इस बार खूंटी की जनता लेने का काम किया है। लोगों ने कहा कि इस बार चुनाव में कई वोट कटवा भी खड़े हुए हैं। लेकिन जनता ने इनलोगो को आशीर्वाद नहीं दिया है।
उन्होंने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। बहरहाल, प्रत्याशियों के जीत और हार का फैसला अब तो चार जून को ही पता चल पाएगा।