सुख, शांति और समृद्धि का शुभ फल लेकर आएंगी महामाया : ज्योतिषआचार्य उमेश पाठक
केरेडारी: आदिशक्ति माता दुर्गा की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र 26 सितंबर दिन सोमवार से शुरू हुवा। मां अष्टभुजी मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का भीड़। इस बार शारदीय नवरात्र पुरे नौ दिनों का होगा। वही पुरे नौ दिनों के भंडारा आयोजित मुखिया दिनेश साव के द्वारा किया जा रहा है। अंचलाधिकारी राकेश कुमार तिवारी माता रानी के पास पूजा अर्चना और अपने अंचल वासियों को कुशल मंगल के आशीर्वाद मांगे। अष्टभुजी ज्योतिषआचार्य उमेश पाठक ने बताया कि दुर्गोत्सव का महापर्व दशहरा दस दिनों का होगा। जन्म कुंडली वास्तु व कर्मकांड परामर्श केंद्र के अनुसार इस बार माता दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है। जबकि गमन चरणायुध अर्थात् मुर्गा पर होगा। माता का आगमन शुभ है। माता रानी का आगमन राजा और प्रजा दोनों के लिए ठीक है। खासकर किसानों के लिए अत्यंत लाभप्रद होगा। अर्थात् अच्छी बारिश होगी। लेकिन इस बार माता का गमन अशुभ माना जा रहा है। ऐसे में रोग शोक बढ़ेंगे। राजनितिक उठापटक बढ़ेगा। रोग बिमारी जनमानस का स्वास्थ्य प्रभावित करेगा। कुल मिलाकर इस वर्ष माता रानी का गमन ठीक नहीं है। प्रजा को कष्ट होंगे तो वहीं राज्य विग्रह का योग बनेगा। नवरात्र का शुभारंभ 26 अक्टूबर दिन सोमवार को हो रहा है। इस दिन प्रतिपदा तिथि में कलश स्थापना और मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री का पूजन किया गया। नवरात्र 4 अक्टूबर दिन मंगलवार तक चलेगा। 4 अक्टूबर दिन मंगलवार को माता रानी के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना के बाद नवरात्रि का हवन व अन्य अनुष्ठान भी इसी दिन किए जाएंगे। इसी दिन दोपहर 1:33 बजे दसवीं तिथि का योग बनने के कारण माता रानी का गमन भी इसी दिन होगा। हालांकि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक विजय दशमी का त्यौहार 5 अक्टूबर दिन बुधवार को मनाया जाएगा। दिनांक एक अक्टूबर दिन शनिवार को माता के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना के बाद गोधि बेला में बेलवरण पूजा होगी। 2 अक्टूबर दिन रविवार को माता के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा और ध्यान होंगे। इसी दिन नवपत्रिका स्नान-पूजन के बाद आदिशक्ति माता दुर्गा के पट खुलेंगे। जबकि दुर्गाष्टमी का व्रत 3 अक्टूबर दिन सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन माता दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा और ध्यान होगी। इसी दिन शाम 3 बज कर 59 मिनट 30 सेकेंड पर संधिबलि की पूजा होगी। 4 अक्टूबर दिन मंगलवार को महानवमी का व्रत होगा। इस दिन माता के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा के बाद नवरात्र का हवन किया जाएगा।
1 अक्टुबर को बेलवरण, 2 को नवपत्रिका प्रवेश व निशापूजा, 3 को होगी संधिबलि
इस बार बेलवरण पूजा 1 अक्टूबर दिन शनिवार को होगा। जबकि नवपत्रिका प्रवेश पूजन और मूल नक्षत्र में पूजा पंडालों में देवी की स्थापना, कालरात्रि दर्शन पूजन व महानिशा पूजा 2 अक्टूबर को किए जाएंगे। वहीं दुर्गा अष्टमी का व्रत पूजन, महागौरी दर्शन पूजन, अन्नपूर्णा परिक्रमा 3 अक्टूबर दिन सोमवार होगी।