अखंड ज्योति के नियम
आज सोमवार से माता रानी के नवरात्र प्रारंभ हो रहे हैं और आप लोगों में से बहुत से भक्त माता के नवरात्र में अखंड ज्योत रखते होंगे। आइए जानते हैं अखंड ज्योत के कुछ साधारण नियम–:
इस बात का खास ख्याल रखें कि अखंड ज्योति जमीन की बजाय किसी लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़े बिछाकर रखकर जलाएं।
ज्योति को रखने से पहले इसके नीचे अष्टदल बनाएं।
अखंड ज्योति को गंदे हाथों से भूलकर भी ना छूएं।
अखंड ज्योति को कभी अकेले या पीठ दिखाकर नहीं जायें।
अखंड ज्योति जलाने के लिए भारतीय देसी गाय का शुद्ध देसी घी का प्रयोग करें, क्योंकि गाय का घी सबसे उत्तम और मंगलकारी है।
आप चाहें तो तिल का तेल या फिर सरसों का तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर आप घर में अखंड ज्योति की देखभाल नहीं कर सकते हैं तो आप किसी मंदिर में देसी घी अखंड ज्योति के लिए दान करें।
अखंड ज्योति के लिए रूई की जगह कलावे का इस्तेमाल करें, कलावे की लंबाई इतनी हो कि ज्योति नौ दिनों तक बिना बुझे जलती रहे।
अखंड ज्योति जलाते समय मां दुर्गा, शिव और गणेश को ध्यान में रखें और ‘
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते। का जप करें…
अखंड ज्योति को मां दुर्गा के दाईं ओर रखा जाना चाहिए., अगर दीपक में सरसों का तेल है तो देवी के बाईं ओर रखें।
ख्याल रखें कि नवरात्रि समाप्त होने पर इसे स्वंय ही समाप्त होने दें कभी भी बुझाने का प्रयास ना करें…।।
*आपके लिए यह आने वाले नवरात्र शुभ व मंगलकारी हो ।
*जय माता दी*

