लालू के वफादार …बिहार राजद में जगदानंद फिर एक बार…

गणादेश ब्यूरो
पटनाः बिहार राजद के नए अध्यक्ष फिर लालू-तेजस्वी के वफादार वरिष्ठ समाजवादी नेता जगदानंद सिंह ही होंगे।गणादेश ने कुछ दिन पहले ही इसबात का इशारा कर दिया था।वे लगातार दूसरी बार इस पद के लिए निर्वाचित होंगे। वे लालू प्रसाद और तेजस्‍वी यादव के काफी करीबी और विश्‍वासी माने जाते हैं। जगदानंद सिंह की उम्र काफी हो चली है,इसलिए उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद से मुक्ति की इच्छा व्यक्त की थी। पर लालू प्रसाद ने जब उन्हें लगातार इस पद पर रहने कहा तो वे इनकार नहीं कर पाये।
अब जब यह पक्का हो गया है कि जगदानंद सिंह इस पद पर रिपीट हो रहे हैं तो उनका बयान आया है कि शरीर भले ही थका है,पर मन में अभी भी बेहतर करने का जज्बा है। हालांकि पहले उन्होंने सक्रिय राजनीति से मुक्त होकर गांव में रहने का मन बना लिया था। अनुशासन और सिद्धांत को लेकर बेहद कड़े जगदानंद सिंह ने पार्टी का बिहार अध्यक्ष रहते तेजस्वी के नेतृत्व को दल में शानदार तरीके से स्थापित भी किया,जबकि तेजप्रताप से इनकी कडुआहट भी जगजाहिर है।
राजद की स्‍थापना के बाद से अब तक 25 वर्षों की अवधि में छह प्रदेश अध्‍यक्ष इस पार्टी को मिल चुके हैं। इनमें डा. रामचंद्र पूर्वे और अब्‍दुल बारी सिद्दीकी ऐसे प्रदेश अध्‍यक्ष रह चुके हैं जो जगदानंद सिंह की तरह ही राजद सुप्रीमो के काफी करीबी माने जाते हैं। चारा घोटाला में नाम आने के बाद जनता दल से अलग होकर लालू प्रसाद यादव ने पांच जुलाई 1997 को राष्‍ट्रीय जनता दल का गठन किया था। उस समय 17 लोकसभा सांसद और आठ राज्‍यसभा सदस्‍यों की मौजूदगी में देश की राजधानी दिल्‍ली में नए दल की घोषणा की गई। तब बिहार झारखंड एक ही था। पहले प्रदेश अध्‍यक्ष कमल पासवान बने। हालां‍कि उनकी कार्यवधि महज 24 दिन की रही। स्‍थापना के दिन से 29 जुलाई 1997 तक वे इस पद पर बने रहे। इसके बाद लालू ने पार्टी की कमान उदय नारायण चौधरी को सौंपी। चौधरी 30 जुलाई 1997 से 17 अप्रैल 1998 तक प्रदेश अध्‍यक्ष रहे। फिर पीतांबर पासवान ने प्रदेश अध्‍यक्ष का पद 18 अप्रैल 1998 को संभाला। वे 29 सितंबर 2003 तक इस पद पर बने रहे। पार्टी के प्रमुख नेताओं में शुमार अब्‍दुल बारी सिद्दीकी को 30 सितंबर 2003 को प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया गया। वे करीब सात वर्षों तक बिहार में पार्टी को मजबूती देते रहे। उनका कार्यकाल चार सितंबर 2010 तक रहा। राजद के वरिष्‍ठ नेता डा. रामचंद्र पूर्वे ने पांच दिसंबर 2010 को प्रदेश अध्‍यक्ष की कमान संभाली तो रिकार्ड ही बना दिया। वे 26 नवंबर 2019 तक इस पद पर रहे। यानी करीब नौ वर्ष। उसके बाद 27 नवंबर 2019 को जगदानंद सिंह को प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया गया।

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