झामुमो का केंद्र सरकार को अल्टीमेटम, कहा-झारखंड का बकाया एक लाख छत्तीस हजार करोड़ रुपए दे वरना यहां से एक ढेला कोयला बाहर नहीं जाने देंगे
रांची: झारखंड सरकार का एक लाख 36 हजार करोड़ बकाया राशि देने की मांग को लेकर अब झामुमो केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक हो गई है। जब तक बकाए राशि नहीं मिलती है तबतक झारखंड से एक ढेला कोयला बाहर नहीं जाने देने की धमकी दिया है। मंगलवार को झामुमो कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हम लोगों ने चुनाव से पहले केंद्र के पास जो हमारे बकाए हैं उन बकाए राशि की मांग को लेकर पत्र प्रेषित किया था। तत्कालीन केंद्रीय कोयला मंत्री पियूष गोयल को पत्र लिखा था। जिसमे लिखा गया था कि इस राज्य से जितना भी कोयला का खनन किया और उससे जो पर्यावरण को नुकसान हुआ उसके मद में एक लाख छत्तीस हजार करोड़ रुपए दे दें। मंत्री ने बकाए राशि देने की घोषणा भी किया था। लेकिन मंत्री जी भूल गए। उसके बाद सीएम हेमंत सोरेन ने पीएम मोदी को खुला पत्र लिखा था जो सबके सामने है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने भी इस बात का उल्लेख किया था। केंद्र सरकार के फाइनेंस विभाग से भी सांसद ने पूछा था। केंद्र सरकार के फाइनेंस विभाग ने बकाए राशि को अस्वीकार कर दिया था।।
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि अब पानी सर से ऊपर चला गया है। बगैर बकाए राशि लिए हमलोग चैन से नहीं रहेंगे और न ही केंद्र सरकार को रहने देंगे। राज्य सरकार के भू राजस्व विभाग ने कोल इंडिया को बकाए राशि देने के लिए 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद यहां से एक ढेला भी कोयला बाहर जाने नहीं जायेगा।
उन्होंने कहा कि यहां पर पूरा का पूरा विस्थापन राज्य सरकार झेले,कई तरह की बीमारी भी झेले और ये लोग पूरा का पूरा पैसा अपने घटक कर जाए। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
झारखंड के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का भी फैसला आया है। रॉयल्टी झारखंड को देने की बात कही गई है। लेकिन केंद्र सरकार चुप है।
उन्होंने कहा कि अब तो यहां से जो भी कोयला बाहर जायेगा उसका भी हमलोग रॉयल्टी लेंगे। अब हमलोग केंद्र सरकार से दो दो हाथ करने को तैयार है। झारखंड की सरकार अब झुकने वाली नहीं है। हमलोग लड़ के बकाए राशि केंद्र सरकार से ले लेंगे।