झारखंड की स्वर्णरेखा और दामोदर जुड़ेगी गंगा नदी से, एनआइडी पटना तलाशेगी दोनों नदियों को जोड़ने की संभावनाएं
रांचीः गंगा नदी से झारखंड की दो नदियां स्वर्णरेखा और दामोदर को जोड़ने की कवायद शुरू की है। केंद्र सरकार की ओर से यह पहल की गई है। झारखंड की दोनों नदियों को गंगा से जोड़ने की संभावनाएं तलाश करने की जिम्मेवापरी एनआइटी पटना को सौंपी गई है। इस संस्थान के विशेषज्ञ झारखंड की दोनों नदियों को गंगा से जोड़ने के उपाए सुझाएंगे। इन दोनों नदियों किस जगह पर पर और कैसे जोड़ा जाना है इसकी रिर्पोट एनआइटी पटना द्नारा तैयार किया जाएगा। एनआइटी को यह जिम्मेवारी राष्ट्रीय जल विकास आथरिटी ने दी है। इस काम को डेढ़ वर्ष में इसे पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। इसमें एक करोड़ रुपए से अधिक खर्च होने की संभावना है। बताते चलें कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की ओर से देश की 37 नदियों को एक-दूसरे से लिंक करने के लिए एक कार्ययोजना बनाई गई है। इसमें एनआइटी पटना समेत देश के चार संस्थानों को कार्य दिया गया है। एनआइटी पटना को गंगा, दामोदर एवं स्वर्ण रेखा नदी के जोड़ने की संभावनाओं की जिम्मेवारी दी गई है। एनआइटी, वारंगल को स्वर्ण रेखा नदी से महानदी, आइआइटी गुवाहाटी को मानस से संकोश, संकोश से तिस्ता, तिस्ता से गंगा नदी और राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, रुड़की को फरक्का से सुंदर वन डेल्टा को जोड़ने के उपाए सुझाने को कहा गया है।

