झारखंड हाईकोर्ट का आदेश, सीबीआइ करेगी 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले की जांच

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने 2010 में आयोजित किये गये 34वें राष्ट्रीय खेल में हुए अनियमितता की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है। . झारखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने नेशनल गेम्स ऑरगनाइजेसन समिति की तरफ से किये गये खर्च की राशि को बेबुनियाद बताकर आपत्ति दर्ज की. अब आयोजन समिति की तरफ से खर्च किये गये 28.38 करोड़ के मामले की जांच सीबीआई करेगी। बताते चलें कि हाईकोर्ट ने आठ अप्रेल को फैसला सुरक्षित रखा था. सोमवार को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनायाष
2010 में खेल घोटाले के खिलाफ दर्ज की गई थी प्राथमिकी
34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 2010 में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. आयोजन समिति के अध्यक्ष आरके आनंद, महासचिव एसएम हासमी, तत्कालीन खेल निदेशक पीसी मिश्रा, कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक और अन्य के खिलाफ वित्तीय अनियमितता करने और मंहगी कीमतों पर खेल वस्तुएं खरीदने का आरोप लगा था.
आखिर 10 वर्षों में क्यों नहीं एसीबी जांच की
34वें राष्ट्रीय खेल में 28 करोड़ 38 लाख रुपये के घोटाले के आरोप में एसीबी ने 2010 ने प्राथमिकी दर्ज की कोर्ट ने सुनवाई के क्रम में यह भी जानना चाहा कि 10 वर्षों में क्यों नहीं एसीबी जांच की शुरुआत की थी. 2022 यानी 12 साल बाद भी जांच पूरी नहीं हो पायी. प्रार्थी की ओर से एसीबी जांच कि वैधता को चुनौती दी गयी है. याचिकाकर्ता ने इसी बाबत एसीबी की जांच प्रक्रिया को संदेहास्पद बताते हुए कहा कि क्यों नहीं इसकी जांच सीबीआइ से करायी जाये. मामले पर सरकार को फटकार भी लगायी गयी.

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