झारखंड सिटीजन फोरम ने हरमू नदी सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों रुपए घोटाले की एसआईटी जांच की मांग की

गणादेश,रांची: झारखंड सिटीजन फोरम ने हरमू नदी सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों रुपए घोटाला का आरोप लगाया है। इस बाबत फोरम के सदस्यों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करने की घोषणा किया है। मंगलवार को करम चौक स्थित हरमू नदी के किनारे फोरम के मुख्य संरक्षक अभिषेक श्रीवास्तव के नेतृत्व में राज्य सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही इस मामले की एसआईटी जांच की मांग की है।

विरोध प्रदर्शन करने के क्रम में आसपास के सैकड़ों लोग जुट गए। इस दौरान फोरम के सदस्यों ने हरमू नदी सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों रुपए घोटाले का जिक्र किया। साथ ही कहा कि इस घोटाले की हम लोगों के पास पुख्ता सबूत है और इसकी परत दर परत समय पर खुलासा किया जायेगा।
वहीं मीडिया से बात करते हुए अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि हरमू नदी कभी अपने अस्तित्व में थी और स्वच्छ जल का बहाव हुआ करता था। लोक आस्था का महापर्व छठ इसी नदी तट पर श्रद्धालु करते थे। गर्मी में लोग यहां पर स्नान भी करते थे। लेकिन इस लाचार सिस्टम ने हरमू नदी को नाला बना दिया। जबकि सरकार ने इसके लिए करोड़ों रुपए खर्च किया। आज यह नाला में परिवर्तित हो गया है। उन्होंने कहा कि जब नाला ही बनाना था तो करोड़ों रुपए खर्च करने और नदी के किनारे बसे गरीब लोगों को अतिक्रमण के नाम पर हटाने की क्या जरूरत थी। सरकार ने एक रणनीति के तहत लोगों को हटाया और अब इसे नाला बना दिया। उन्होंने कहा कि हरमू नदी को स्वच्छ बनाने के लिए झारखंड सिटीजन फोरम कुछ भी करने से पीछे नहीं हटेगा।
उन्होंने कहा कि आज आंदोलन की रूप रेखा तैयार किया गया है। इससे पहले राज्य के राज्यपाल,मुख्यमंत्री,मुख सचिव और नगर विकास मंत्री को इसकी जानकारी पत्र के माध्यम से दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन ने पिछले साल इस मामले में गड़बड़ी करने वाले पर कार्रवाई करने का मीडिया में बयान दिया था। लेकिन इतने समय बीतने के बाद भी इसपर कुछ भी नहीं किया गया।
वहीं फोरम के अन्य सदस्य सुशील क्रांतिकारी ने कहा कि इस घोटाले की जांच के लिए एसआईटी बैठाया जाय। इसमें एक सौ करोड़ से भी अधिक खर्च हुआ और यह नाला बना दिया है। सचिव सूबेदार एसएन सिंह ने कहा कि हरमू नदी सौंदर्यीकरण के लिए छह महीने पहले टेंडर हुआ है। इस नदी का क्या हाल है यह आप देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इसपर कठोर कदम उठाना चाहिए। जनता से लिए वादे को निभाना चाहिए।

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