जामियातुल कासिम दारुल उलूम इल इस्लामिया ने अग्निपीड़ितों के बीच बांटी राहत सामग्री

गणादेश रिपोर्टर

प्रतापगंज: पवित्र माहे रमजान रहमत,बरकत और अकीदत का महीना होता है।एक माह के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग दिनभर रोजा रहकर हजरत पैगम्बर मोहम्मद की इबादत करते हैं।साथ ही समाज मे रहने वाले और लोग भूखे नहीं रहें।इसके लिए नमाज के साथ दुआ करते हैं।एक माह के दौरान गरीब मजलूमों और निःसहायों के लिए अपनी आमदनी का एक हिस्सा निकालकर जरूरतमंदों को मदद पहुंचाने का काम करते हैं।
अररिया के नरपतगंज सीमा से सटे सुपौल जिला के प्रतापगंज के मधुबनी गांव स्थित जामियातुल कासिम दारुल उलूम इल इस्लामिया प्रबन्धन रमजान महीने में जरूरतमंदों की सेवा में लगे हुए हैं।हालांकि इसकी अलख जामियातुल कासिम दारुल उलूम इल इस्लामिया के संस्थापक महरूम मौलाना मुफ़्ती महफूजुर्रहमान उस्मानी साहब ने एक दशक पहले जगाई थी।जिनका पिछले साल इंतकाल होने के बावजूद प्रबन्धन कमिटी की ओर से अलख जगा कर रखा गया है।अररिया,सहरसा,सुपौल,मधेपुरा में किसी तरह की प्राकृतिक आपदा आने पर संस्था खड़ी रहती है।इसी कड़ी में पिछले दिनों मधेपुरा के कुमारखंड के पोखरिया में आगजनी में दर्जनों घर जलकर राख हो गया और लाखों की संपत्ति का नुकसान हुआ था।अग्निपीड़ित आसमान के नीचे गुजर बसर करने को मजबूर थे।किसी तरह की सहायता नहीं मिलने पर जामियातुल कासिम दारुल उलूम इल इस्लामिया संस्था ने आगे बढ़कर पीड़ित परिवारों के बीच खाद्य सामग्री समेत अन्य राहत सामग्री का वितरण किया।जिससे पीड़ितों के घर भी ईद की खुशी बरकरार रह सके।शाहजहां शाद की अगुवाई में संस्था की ओर से राहत सामग्री का वितरण किया गया।मौके पर शाहजहां शाद ने कहा कि मुसलमानों का यह पाक माह है और इस माह में अकीदत के साथ रहमत और बरकत के लिए दुआ की जाती है।ऐसे में हमारा पड़ोसी भूखा रहे और दुखी रहे तो फर्ज बनता है कि उनके भूख को कम करे।हम उन्हें खुशियां प्रदान करे और यही कारण है कि मरहूम जनाब मौलाना मुफ़्ती महफूजुर्रहमान उस्मानी की ओर से शुरू किया गया सेवाभाव आज भी अनवरत जारी है।

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