रातों रात कर दी थी रजिस्ट्रार राहुल चौबे ने 1457 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री, कमीश्नर को सौंपी गई रिर्पोट में हुआ खुलासा
रांची: झारखंड में अफसरों ने जमीन के साथ खूब खेला किया है। अवैध हस्तांतरण, सीएनटी, एसपीटी का उल्लंघन सहित कई मामले झारखंड में चल रहे हैं। इसमें सीओ से लेकर आला अफसर तक के नाम सामने आए हैं। अब रांची में एक ताजा मामला सामने आया है। जिसमें रांची के तत्कालीन रजिस्ट्रार राहुल चौबे ने अपना ट्रांसफर होने के बावजूद रात के अंधेरे में 1457 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कर दी। तत्कालीन रजिस्ट्रार ट्रांसफर होने के बाद रात में पक्षकारों को बुलाकर योजनाबद्ध तरीके से जमीन की रजिस्ट्री का कार्य पूर्ण कराया गया. इसका खुलासा आयुक्त डॉ. नीतिन मदन कुलकर्णी द्वारा गठित की गई जांच कमेटी की रिर्पोट में हुआ है। रिपोर्ट में तत्कालीन रजिस्ट्रार राहुल चौबे को दोषी पाया गया है। इसके अलावा उनके स्थान पर पदास्थापित हुए अविनाश कुमार के संबंध में भी कहा गया कि उन्होंने भी इस कार्य के संबंध में कोई जानकारी उच्चाधिकारी को नहीं दी.
बुंडू अंचल के कोड़दा मौजा का है मामला
यह मामला रांची के बुंडू अंचल स्थित कोड़दा मौजा का है। जहां 1457.72 एकड़ जमीन की हेराफेरी की गई। इसमें 310.43 एक वन भूमि, 431.37 एकड़ गैरमजरुआ मालिक की भी रजिस्ट्री व बंदोबस्ती कर दी. खास बात तो यह है कि इसमें 715.92 एकड़ रैयती जमीन को भी फर्जी रैयतों ने बेच दिया. इस मामले की जांच को लेकर 16 मार्च को आयुक्त डॉ नितीन मदन कुलकर्णी की अध्यक्षता में दो सदस्यीय जांच टीम गठित की थी. जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में वन भूमि की बिक्री करने वालों और वन भूमि की खरीद करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध वन अधिनियम के प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई करने की अनुशंसा की है.