शिक्षकों को निर्देश, पहले पढ़ाई फिर जाति आधारित गणना

पटना : बिहार में जाति आधारित गणना के तहत घर-घर जाकर जाति पूछने व अन्य आंकड़ा जुटाए जाने का काम विधिवत 15 अप्रैल से शुरू होगा। तय कार्यक्रम के तहत यह काम 16 मई तक चलेगा। इस संबंध में यह बताया गया कि इस काम में जिन शिक्षक प्रगणकों को लगाया गया है वह अपनी सुविधा के हिसाब से शिड्यूल बनाकर जाति आधारित गणना के काम को निष्पादित करेंगे।
इस बार पहले के अन्य कार्यक्रमों की तरह जाति आधारित गणना का काम संचालित नहीं होगा। पहले यह होता था कि शिक्षकों को अगर किसी सरकारी योजना के क्रियान्वयन के काम लगाया जाता था तो स्कूल बंद होने की नौबत आ जाती थी। इस बार यह व्यवस्था की गयी है कि जाति आधारित गणना के काम मे लगाए गए शिक्षक पहले स्कूल में बच्चों को पढ़ाएंगे और फिर उसके बाद जाति गणना काम के लिए निकलेंगे।
जाति आधारित गणना के लिए जो प्रगणक हैं, उन्हें इस कार्य के लिए एक महीने की अवधि में दस हजार रुपए दिए जा रहे हैं। वहीं, सुपरवाइजर स्तर के लोगों को 10500 रुपए दिए जाने की व्यवस्था की गई है।
एप के ट्रायल का काम चल रहा
जाति आधारित गणना को लेकर इसके एप के ट्रायल का काम फिलहाल चल रहा है। सभी प्रगणकों को इसके लिए आईडी व पासवर्ड दिया गया है। एप पर यह व्यवस्था है कि उन्हें जिस इलाके में गणना करनी है, उससे जुड़े आंकड़े का वे एक्सेस करेंगे। मॉनिटरिंग को लेकर यह व्यवस्था है कि मुख्यालय से लेकर अनुमंडल स्तर तक हर रोज रहा। सभी प्रगणकों को इसके लिए आईडी व पासवर्ड दिया गया है।
एप पर यह व्यवस्था है कि उन्हें जिस इलाके में गणना करनी है, उससे जुड़े आंकड़े का वे एक्सेस करेंगे। मॉनिटरिंग को लेकर यह व्यवस्था है कि मुख्यालय से लेकर अनुमंडल स्तर तक हर रोज यह जानकारी उपलब्ध रहेगी कि किस इलाके में कितने घरों तक प्रगणक पहुंचे।

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