खूंटी बाईपास पर राजनीति करने के बजाय भूमि अधिग्रहण कराएं जन प्रतिनिधि : अर्जुन मुंडा

खूंटी: खूंटी बाईपास निर्माण को लेकर एक बार फिर से सुगबुगाहट तेज हो गई है। सांसद कालीचरण मुंडा ने इसे संसद में उठाया। इसके बाद खूंटी लोकसभा में और अधिक चर्चा होने लगी। वहीं पूर्व सांसद अर्जुन मुंडा ने कहा कि खूंटी बाई पास रोड को लेकर कांग्रेस राजनीति कर रही है। जन समस्याओं को लेकर राजनीति करने या जनता को बरगलाने की बजाय जन प्रतिनिधियों को यह चिंता करनी चाहिए कि जनहित के काम को कैसे आगे बढ़ाया जाए। हास्यास्पद बात यह है कि खूंटी बाई पास रोड का शिलान्यास इसी वर्ष 10 मार्च को खूंटी में हुआ। केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 2500करोड़ की लागत से दो सड़कों का शिलान्यास किया था, जिसमें स्थानीय जन प्रतिनिधिगण भी शामिल थे। खूंटी के कचहरी मैदान में आयोजित शिलान्यास समारोह मीडिया और खूंटी के हर व्यक्ति के जुबान में इस बहु प्रतीक्षित रोड का स्मरण में रहा, लेकिन, कांग्रेस वालों को शायद यह पता नहीं था। इसलिए, अब संसद सत्र में यह मामला उठा रहे हैं और खूंटी में बाई पास रोड बनाने की मांग कर रहे हैं।
रांची से खूंटी तक 4 लेन एनएच का निर्माण, जिसमें खूंटी बाईपास भी शामिल है, 15.03.2024 को 1907.31 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृत किया गया था। यह सड़क तुपुदाना से कुंदी बर टोली तक 31.31 किलोमीटर लंबी फोर लेन है।इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया 13.03.2024 को आमंत्रित की गई थी। परियोजना के Request for Proposal को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसे शीघ्र ही अपलोड किया जाएगा। इस परियोजना में 156.6 हेक्टेयर निजी भूमि और 15 हेक्टेयर वन भूमि का अधिग्रहण शामिल है। ड्राफ्ट 3ए तैयारी के अंतिम चरण में है। भूमि अधिग्रहण और वन अधिग्रहण की प्रगति को ध्यान में रखते हुए बोली की नियत तिथि तय की जाएगी ताकि 90% लंबाई में साइट को निर्धारित तिथि पर संवेदक को सौंप दिया जा सके।
झारखंड में कांग्रेस और झामुमो गठबंधन की सरकार है। राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण करने में शिथिलता बरत रही है।इसलिए कांग्रेस जनप्रतिनिधि को चाहिए कि इस महत्वाकांक्षी सड़क योजना के लिए राज्य सरकार से भूमि अधिग्रहण का काम शुरू करवाएं। केंद्र सरकार इस योजना के लिए पूरी राशि दे रही है।

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