समाधान यात्रा में कर्मचारी और अधिकारी सीएम को लगा रहें चूना : मांझी

गया : हम प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार की समाधान यात्रा को लेकर बुधवार को गया में कहा कि समाधान यात्रा में कर्मचारी और अधिकारी मिलकर मुख्यमंत्री को चूना लगा रहे हैं। जहां समाधान यात्रा जाती है वहां करोड़ों का काम होता है। मांझी ने कहा कि अब उनकी पार्टी बिहार में गरीब संपर्क यात्रा शुरू करने वाली है।
मांझी ने बताया कि वे 12 फरवरी से बिहार में गरीब संपर्क यात्रा की शुरुआत करेंगे। गया गांधी मैदान में 26 फरवरी को जनसभा की जाएगी।
नीतीश कुमार की समाधान यात्रा पर मांझी ने कहा कि जिस जगह पर जाने के लिए यात्रा तय की जाती है, वहां 10 दिन पहले से हर क्षेत्र में हर पदाधिकारी चले गए हैं। वहां करोड़ों का कार्य किया जाता है। सीएम नीतीश कुमार के पदाधिकारी और कर्मचारी मिलकर चूना लगा रहे हैं। जब सीएम का कार्यक्रम होता है तो कैसे करोड़ों रुपये का काम हो जाता है।
मांझी ने कहा कि कुछ लोग धार्मिक उन्माद फैला कर अपनी राजनीतिक रोटी सेकना चाहते हैं। सामाजिक सरोकार से राजनीति चलती है न की धार्मिक उन्माद से।बजट पर मांझी ने कहा कि हिंदुस्तान में युवाओं की संख्या प्रतिशत अन्य देशों से ज्यादा है। उसमें बिहार में सबसे ज्यादा युवा हैं। यहां बेरोजगारी और नियोजन की व्यवस्था होगी तो इस बजट की सराहना करेंगे। महंगाई भी चरम पर है जिसकी मार गरीबों पर पड़ रही है।
भारत जोड़ो यात्रा, समाधान यात्रा के बाद गरीब संपर्क यात्रा कर अन्य राजनीतिक पार्टियों की कॉपी कर रहे हैं के सवाल पर उन्होंने कहा कि लोग कह रहे हैं कि काम नहीं हुआ है, भ्रष्टाचार हुआ है तो इसलिए यह यात्रा निकाली जाएगी। लोगों से समस्या पूछेंगे और उन सभी को संकलित कर बिहार सरकार को इसकी जानकारी देंगे, जिसके बाद उन कार्यों को किया जाएगा।
नीतीश के बयान पर ली चुटकी
वहीं, मर जाएंगे पर बीजेपी में नहीं जाएंगे वाले नीतीश कुमार के बयान पर मांझी ने चुटकी लेते हुए कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है। राजनीति में आज जो परिस्थिति है और बाद जो परिस्थिति आएगी, इसके बाद क्या कहेंगे। इस मामले में जो अभी कह रहे हैं ठीक कह रहे हैं, लेकिन कल क्या होगा यह परिस्थिति के अनुसार तय किया जाता है। राजनीति संभावनाओं का खेल है। यहां किसी भी बात को नकारा नहीं जा सकता है। उपेंद्र कुशवाहा पर उन्होंने कहा की उनके मन में कहीं न कहीं कोई बात है। वो जो पद चाह रहे हैं। शायद उन्हें वो चीज नहीं मिल रही हो, इसके लिए उनके मन में छटपटाहट है कि कैसे हम उस पद को प्राप्त करें।

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