झारखंड में मनरेगा से खदान तक की काली कमाई, पट्टा के बदले मिलती थी मोटी रकम

आइएएस पूजा सिंघल ने धनबाद और जमशेदपुर में भी हॉस्पीटल खोलने का बनाया था प्लान
इस प्लान में कई ब्यूरोक्रेट्स ने भी निवेश करने की भरी थी हामी
रांचीः झारखंड गठन के बाद से राज्य में राजनीतिक उथल पुथल के साथ घोटालों और घपलों का दौर चलता रहा है। फिलहाल दोनों दौर साथ-साथ चल रहे हैं। एक तरफ खदान लीज को लेकर सियासी घमासान तो दूसरी तरफ काली कमाई के खिलाफ ईडी की दबिश। अब मनरेगा में हुए घोटाले के बाद खदान तक जांच की आंच पहुंच गई है। अफसरों द्वारा की गई काली कमाई के स्त्रोत को खोज-खोज कर निकाला जा रहा है। अब चार जिलों के जिला खनन पदाधिकारी जांच के दायरे में आ गए हैं। ईडी को यह सबूत भी हाथ लगे हैं कि जिला खनन पदाधिकारियों के जरीए खान सचिव तक भारी भरकम रकम मिलती थी। इस रकम की उगाही खदान लीज आबंटन के जरीए की जाती थी। साहेबगंज के जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार इस मामले में फंसते नजर आ रहे हैं। उन्होंने ही पाकुड़िया में खनन पट्टा दिया था। इसके जरीए काली कमाई भी की गई थी। वे लगभग ढ़ाई साल से साहेबगंज के डीएमओ के पद पर हैं। ईडी यह पड़ताल कर रही है कि ढ़ाई सालों में इन जिलों से कितनी अवैध कमाई खनन सचिव तक पहुंचायी गई थी. वहीं दुमका के जिला खनन पदाधिकारी कृष्ण चंद्र किस्कू और पलामू के जिला खनन पदाधिकारी आनंद कुमार पर भी गाज गिर सकती हैं। रांची के जिला खनन पदाधिकारी भी रडार पर हैं। इन चारों ने ईडी के नोटिस मिलने से इंकार भी किया है।
काली कमाई से थी दो शहरों में हॉस्पीटल बनाने की योजना
मनरेगा और खदान की काली कमाई से आइएएस पूजा सिंघल और उनके पति अभिषेक झा ने राज्य के दो शहरों धनबाद और जमशेदपुर में हॉस्पीटल खोलने की योजना बनाई थी। जानकारी के अनुसार इस प्लान में कई ब्यूरोक्रेट्स को भी शामिल किया गया था। जो इस प्रोजेक्ट में निवेश भी करते। लेकिन ईडी के दस्तक देते ही सभी साइलेंट हो गए। फिलहाल अभी कई खुलासे होने बाकी हैं।

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