हेमंत सरकार में जनता का नहीं अपराधियों का हौसला बुलंद:सुदेश महतो
डुमरी: एनडीए प्रत्याशी यशोदा देवी के पक्ष में शुक्रवार को नावाडीह के भलमारा, नावाडीह, चिरूडीह, परसबानी, दहियारी और आहारडीह में नुक्कड़ सभा करते हुए आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि ’हेमंत है तो हिम्मत है’ का नारा देकर सत्ता में आने वाली सरकार में जनता का हिम्मत तो नहीं बढ़ा लेकिन अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। यही इस सरकार की सबसे बड़ी उलब्धि है। राज्य के लिए जिन लोगो का कोई समर्पण और कर्तव्य बोध नहीं है वैसे लोग सत्ता में बैठे हुए हैं। इनकी सोच में राज्य सेवा नहीं बल्कि परिवार सेवा है। डुमरी को भय मुक्त और विकास युक्त बनाना ही हमारा लक्ष्य है। जेएमएम की सरकार का जाना तय है। जनता मन बना चुकी है। हेमंत सरकार झूठ की नींव पर खड़ी है। इस सरकार ने जनता से किया एक भी वादा पूरा नहीं किया है। पिछले चार सालों में वादों के नाम पर राज्य की जनता को छलने का काम किया जा रहा है। डुमरी का उपचुनाव भी ये लोग विकास पर नहीं बल्कि झूठ और आतंक के जोर पर लड़ना चाहते हैं। सुदेश महतो से जनता का सीधा जुड़ाव देखते हुए जे.एम.एम. अब आतंक और भय का सहारा ले रही है। यही इनका चरित्र है। सरकार के हर मंच से सुदेश महतो को टारगेट किया जा रहा है। पूरी हेमंत कैबिनेट डुमरी पर्यटन पर है। जनता से जुड़े मुद्दों की तरफ इनका ध्यान नहीं है। झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के राजनीतिक शब्दावली में विकास जैसा कोई शब्द है ही नहीं। जे एम् एम् और उसके सहयोगी दल चाहे जितना जोर लगा दें उन्हें मुँह की खानी होगी। उपचुनाव के परिणाम आने के बाद जेएमएम की विदाई तय है। झारखण्ड आंदोलन बेचने वाले वोट खरीद कर चुनाव जितना चाहते है। सुदेश महतो विकास की राजनीति करता है। झारखंडी विचारों, विषयों और जनभावना को साथ लेकर चलने का काम करता है। मुख्यमंत्री सोरेन ने 2019 में झूठ का जाल बिछाकर चुनाव जीता था। अब तो वह झूठ और प्रोपोगेंडा फ़ैलाने में महारत हासिल कर चुके हैं। यह सरकार बड़े बड़े वादें करती है लेकिन एक गांव का नाम नहीं बता सकती जिसका काया पलट इसने किया हो।
सुदेश महतो ने कहा मेरे गांव आने के दो मकसद है पहला जे एम् एम् के 19 साल के शासन का चहेरा देखना चाहता हूँ और दूसरा 2019 में जिन संकल्पों के नाम पर यह सरकार बानी थी उसका चेहरा कैसा है। मैं यह देखने आया हूँ की 3 कमरों वाला मकान किसको किसको मिला है। गांव के किन युवाओं को युवा को सरकारी नौकरी मिली है। सरकार ने प्रति वर्ष के 5 लाख नौकरियां देने का वादा किया था गांव के किस पढ़े लिखे नौजवान को बेरोजगारी भत्ता मिल रहा है। सरकार ने गांव की माँ को यह वादा किया था कि 72 हजार रूपए चूल्हा खर्च के नाम पर दिया जायेगा। छात्रों को क्रेडिट कार्ड योजना से 4 लाख रूपए पढ़ाई के लिए दिया जायेगा। आपके गांव में जो भी इस प्रकार की योजना का लाभ लिए हैं मैं उनसे मिलने आया हूँ।
झामुमों पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि बिनोद बाबू का सपना झारखण्ड राज्य को लेकर भिन्न प्रकार का था। उनका कहना था ‘पढ़ो और लड़ो’ लेकिन आज का जेएम्एम् बच्चों के हाथ में किताब और पेन देने की जगह शराब की बोतल थमाने का काम किया है। यही इनका चरित्र है। यह गरीब को गरीब और लाल कार्ड धारी को जीवन भर लाल कार्ड धारी ही रहने देना चाहते हैं। अनाज खाओ और जिंदा रहो यही उनकी सोच है। इससे बहार निकल कर यह सोच नहीं पाते है।
उन्होंने कहा कि मैने जो स्वयं सहायता समूह और समितियों के जरिये गांव और पंचायत को शसक्त करने का काम किया है वो महिला शसक्तीकरण में मिल का पत्थर साबित हो रहा है। आज गांव का अपना बैंक है। गांव की महिला आर्थिक रूप से मजबूत हुई है। महिलाओं को घर की चौखठ से बाहर निकाल कर चलने के लिए तैयार करने में की गयी भूमिका को भूलना मुश्किल है। पुरुष प्रधान समाज में महिला को उसके पति के नाम से नहीं बल्कि उसके व्यक्तिगत पहचान से जाना जाने लगा है।
चुनाव पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैं धर्म की राजनीती नहीं करता और राम और रहीम में कोई फर्क भी नहीं करता। गरीब के चहेरे को ही भगवान मान कर हूँ। गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल कर ही बेहतर प्रतिनिधि और बेहतर सरकार चुना जा सकता है। इसलिए 5 तारीख को अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए यशोदा माता को क्षेत्र की सेवा करने का अवसर प्रदान करें।