29 जुलाई शुक्रवार का राशिफल एवम पंचांग ,जानिए आज आपके लिए क्या अच्छा है….

मेष: आज का दिन उत्तम रहेगा । अनचाहे मेहमानों से शाम को आपका घर भरा रह सकता है। कारोबार और परिवार में सामंजस्य स्थापित होगा। परिश्रम का फल पूर्ण रूप से मिलेगा। न्याय पक्ष मजबूत होगा। धन लाभ होगा। आत्मसम्मान में वृद्धि होगी। संतान से शुभ समाचार मिलेंगे। जीवनसाथी पर विशेष भरोसा रखें। जरूरत से ज्यादा जज्बाती होना आपका दिन बिगाड़ सकता है। तबीयत पर ध्यान दें।

वृष: आज आपके दिन की शुरुआत नए संकल्पों से होगी। परिजनों के साथ किसी आयोजन में शामिल होंगे। अच्छा व्यवहार आपके व्यक्तित्व को और निखार सकता है। अपने परिवार की भावनाओं को समझकर अपने गुस्से पर काबू रखें। रोमानी नजरिए से वैवाहिक जीवन के लिए अच्छा दिन है।

मिथुन: आज आपके लिए संपत्ति के बड़े सौदे लाभदायक रहेंगे। आपकी समझ और अनुभव से भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कार्यों में निर्धारित सफलता नहीं प्राप्त कर सकेंगे। ऐसे विवादास्पद मुद्दों पर बहस करने से बचें, जो आपके और प्रियजनों के बीच गतिरोध पैदा कर सकते हैं। आज प्यार की कमी महसूस हो सकती है।

कर्क: आज दिन की शुरुआत में आपका स्वभाव गरम रहेगा। दिनचर्या को बदलें। अपने करीबी लोगों से आज धोखा न मिले इसलिए सतर्क रहें। व्यय वृद्धि सम्भव है। मांगलिक आयोजनों की तैयारी में लगे रहेंगे। अचानक हुई रोमांटिक मुलाकात आपके लिए उलझन पैदा कर सकती है। आपके प्रिय की गैरहाजिरी आज आपके दिल को नाजुक बना सकती है।

सिंह: समय अनुकूल रहेगा । आज आप अपने कपड़े रहन-सहन इन सब के अलावा अपने व्यवहार पर भी ध्यान दें। कई लोग आप से नाराज हैं उनको मनाने का सुअवसर रहेगा। रुका हुआ धन प्रयास करने पर मिलेगा। आपका आकर्षक बर्ताव दूसरों का ध्यान आपकी तरफ खींचेगा। छोटे से प्रवास का आयोजन आप कर पाएंगे। प्रतिस्पर्धियों पर विजय प्राप्त होगी। तबादला हो सकता है।

कन्या:आज आपके परिजनों का स्वास्थ्य नरम रहेगा। लंबे समय से चले आ रहे लंबित कार्यो को आज गति मिलेगी। विचारों की भरमार आपको मानसिक रूप से स्वस्थ बनाएगी। माता और स्त्रीवर्ग सम्बंधी चिंता सताएगी। आज सोच-समझकर कदम बढ़ाने की ज़रूरत है। जहाँ दिल की बजाय दिमाग का ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए। आज के दिन यात्रा स्थगित रखें।

तुला:आज पढ़ाई पर कम ध्यान देने या घर की बजाय दोस्तों के साथ ज्यादा समय बिताने की वजह से बच्चे असंतोष का कारण बन सकते हैं। राजकीय सहयोग से कार्य सिद्धि होगी। समय से भोजन और पर्याप्त, नींद न आने के कारण शरीर में अस्वस्थता अनुभव होगा। अपने काम पर ध्यान दें। दूसरों की निंदा करने से बचें। धार्मिक लाभ मिलेगा।

वृश्चिक:आज किसी बड़े प्रोजेक्ट की रूपरेखा बनेगी। दुकान, मकान के विवाद आपसी समझौते से हल होंगे। वाहन व मशीनरी आदि के प्रयोग में सावधानी रखें। विदेशगमन की संभावना भी है। किसी धार्मिक स्थल की भेंट से सात्विकता में वृद्धि होगी। फिर भी स्वास्थ्य संभालिएगा। कार्यभार आज कुछ अधिक रहेगा। परिजनों से विवाद से बचें। नए दोस्त बनेंगे।

धनु:आज का दिन मिश्रित फलदायी रहेगा। व्यापारी अपने व्यापार में धन लगाकर नए कार्य का प्रारंभ कर सकेंगे और भविष्य के लिए योजना भी बना पाएंगे। प्रेम-प्रसंग में सावधानी रखें, अन्यथा मान सम्मान को ठेस लग सकती है। अत्यधिक कामुकता के कारण विपरीत लिंगीय व्यक्ति के प्रति आकर्षण अनुभव करेंगे। कारोबार की बाधा दूर होकर कार्यसिद्धि होगी।

मकर:आपका दिन मिलाजुला रहेगा। उदासीन वृत्ति और संदेह की भावना आपके मन को बेचैन बनाएंगे। दैनिक कार्य विलंब से पूरे होंगे। परिश्रम अनुसार फल कम मिलेगा। जीवनसाथी के साथ गलतफहमी के कारण विवाद न करें। सामाजिक कार्यों में भाग लेने जाना होगा। बुजुर्गों और मित्रों का सहयोग मिलेगा। मित्रमंडल में नए मित्र जुड़ेंगे।

कुंभ:आज आप कम समय में काम को पूरा करने की कोशिश में कामयाब होंगे। आज किसी असहाय की मदद जरूर करें। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें, अन्यथा उलझ सकते हैं। आज परिवार को समय देने से आनंद मिलेगा। व्यापारियों को व्यापार में लाभ होगा। भागीदारी लाभदायक साबित होगी। प्रेमी-प्रेमिका से प्रेम में सफलता मिलेगी।

मीन:लग्न योग है।मांगलिक प्रसंग आयोजित किए जाएंगे। आज आपकी एकाग्रता का अभाव मानसिक अस्वस्थता बढ़ाएगा। पैसे की लेन-देन या जमानत विचार करके करें । संतान और पत्नी की तरफ से लाभ होगा। प्रवास का आयोजन किए जाने की संभावना है। पारिवारिक सदस्यों के साथ अनबन से बचें। स्वास्थ्य लाभ होगा।
🌞ll ~ वैदिक पंचांग ~ ll🌞
🌤️ दिनांक – 29 जुलाई 2022
🌤️ दिन – शुक्रवार
🌤️ विक्रम संवत – 2079
🌤️ शक संवत -1944
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – वर्षा ऋतु
🌤️ मास -श्रावण
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – प्रतिपदा 30 जुलाई रात्रि 01:21 तक तत्पश्चात द्वितीया
🌤️ नक्षत्र – पुष्य सुबह 09:47 तक तत्पश्चात अश्लेशा
🌤️ योग – सिद्धि शाम 06:36 तक तत्पश्चात व्यतिपात
🌤️ राहुकाल – सुबह 11:07 से दोपहर 12:45 तक
🌞 सूर्योदय – 05:30
🌦️ सूर्यास्त – 06:25
👉 दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण – अमावस्यांत श्रावण मासरम्भ, शिवपार्थेश्वर पूजन प्रारंभ, शिवपूजनारम्भ
🔥 विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

🌷 श्रावण में रुद्राभिषेक करने का महत्व 🌷
“रुद्राभिषेकं कुर्वाणस्तत्रत्याक्षरसङ्ख्यया, प्रत्यक्षरं कोटिवर्षं रुद्रलोके महीयते। पञ्चामृतस्याभिषेकादमृत्वम् समश्नुते।। ”
🙏🏻 श्रावण में रुद्राभिषेक करने वाला मनुष्य उसके पाठ की अक्षर-संख्या से एक-एक अक्षर के लिए करोड़-करोड़ वर्षों तक रुद्रलोक में प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। पंचामृत का अभिषेक करने से मनुष्य अमरत्व प्राप्त करता है।

🌷 व्यतिपात योग 🌷
➡️ 29 जुलाई 2022 शुक्रवार को शाम 06:37 से 30 जुलाई, शनिवार को शाम 07:02 तक व्यतिपात योग है।
🙏🏻 व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।

🌷 श्रावण मास में भूमि पर शयन 🌷
🌷 “केवलं भूमिशायी तु कैलासे वा समाप्नुयात” – स्कन्दपुराण
🙏🏻 श्रावण मास में भूमि पर शयन करने से मनुष्य कैलाश में निवास प्राप्त करता है।

🌷 पार्थिव शिवलिंग 🌷
🙏🏻 जो पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर एकबार भी उसकी पूजा कर लेता है, वह दस हजार कल्प तक स्वर्ग में निवास करता है, शिवलिंग के अर्चन से मनुष्य को प्रजा, भूमि, विद्या, पुत्र, बान्धव, श्रेष्ठता, ज्ञान एवं मुक्ति सब कुछ प्राप्त हो जाता है | जो मनुष्य ‘शिव’ शब्द का उच्चारण कर शरीर छोड़ता है वह करोड़ों जन्मों के संचित पापों से छूटकर मुक्ति को प्राप्त हो जाता है |’
🙏🏻 कलियुग में पार्थिव शिवलिंग पूजा ही सर्वोपरि है ।
कृते रत्नमयं लिंगं त्रेतायां हेमसंभवम्
द्वापरे पारदं श्रेष्ठं पार्थिवं तु कलौ युगे (शिवपुराण)
🙏🏻 शिवपुराण के अनुसार पार्थिव शिवलिंग का पूजन सदा सम्पूर्ण मनोरथों को देनेवाला हैं तथा दुःख का तत्काल निवारण करनेवाला है |
🌷 पार्थिवप्रतिमापूजाविधानं ब्रूहि सत्तम ॥
येन पूजाविधानेन सर्वाभिष्टमवाप्यते ॥
🙏🏻 अग्निपुराण के अनुसार
🌷 त्रिसन्ध्यं योर्च्चयेल्लिङ्गं कृत्वा विल्वेन पार्थिवम् ।
शतैकादशिकं यावत् कुलमुद्‌धृत्य नाकभाक् ।। ३२७.१५ ।। अग्निपुराण
🙏🏻 जो मनुष्य प्रतिदिन तीनों समय पार्थिव लिङ्ग का निर्माण करके बिल्वपत्रों से उसका पूजन करता है, वह अपनी एक सौ ग्यारह पीढ़ियों का उद्धार करके स्वर्गलोक को प्राप्त होता है।
🙏🏻 स्कंदपुराण के अनुसार
प्रणम्य च ततो भक्त्या स्नापयेन्मूलमंत्रतः॥
ॐहूं विश्वमूर्तये शिवाय नम॥
इति द्वादशाक्षरो मूलमंत्रः॥ ४१.१०२ ॥
🙏🏻 “ॐ हूं विश्वमूर्तये शिवाय नमः” यह द्वादशाक्षर मूल मंत्र है। इससे शिवलिंग को स्नान कराना चाहिए।

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