6 जुलाई बुधवार का राशिफल एवम पंचांग

मेष: आज आपको कार्य में सफलता और यश-कीर्ति मिलेगी। आर्थिक रूप से आज का दिन बेहतर रहेगा है। पैसे रुपये को लेकर कोई ठोस योजना बनाइए ताकि आज या भविष्य में आने वाले किसी मुश्किल हालात से आप आसानी से उबर सकें। निवेश करने के मामले में समझदारी से काम लीजिए। स्वास्थ्य सही रहेगा।

वृष: आज मनोरंजन का लाभ उठाएँ , परिजनों के साथ समय आनंदपूर्वक व्यतीत होगा। वाहन-सुख मिलेगा तथा मान-सम्मान भी मिलेगा। अपने आत्मविश्वास का फायदा उठाएँ। गलत निर्णय लेने से बचें। अपने साथी और दोस्तों के साथ कुछ समय व्यतीत करें। कल्पनाओं के पीछे न दौड़ें और यथार्थवादी बनें।

मिथुन: आज विरोधियों और प्रतिस्पर्धियों के साथ वाद-विवाद में आप न पड़ें। आज आप अपने पास के किसी व्यक्ति के लिए एक महंगा उपहार खरीद सकते है जो की उस व्यक्ति को आश्रयचकित् कर सकता है। व्यवसाय या व्यापार में परिस्थिति अनुकूल नहीं होगी। संतानों के साथ मतभेद होने की संभावना है ध्यान रखें।

कर्क: आपके वैवाहिक जीवन में खटास पैदा हो सकती है। आर्थिक मामलों में सावधानी से काम लेना होगा। दूसरों के लिए खराब नीयत रखना मानसिक तनाव को जन्म दे सकता है। इस तरह के विचारों से बचें, क्योंकि ये समय की बर्बादी करते हैं। आज वित्तीय स्थिति और खर्च में संतुलन बना रहेगा, अप्रत्याशित स्रोतों से आय का सृजन होता रहेगा।

सिंह: अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करना चाह रहे हैं तो फैसला लेने की अपनी क्षमता को और विकसित कीजिए। किसी पर भी आंख बंदकर विश्वास ना करें। अपने करियर पर विशेष ध्यान दें। घर के माहौल की वजह से आप उदास हो सकते हैं। प्यार-मोहब्बत की नजरिए से बेहतरीन दिन है। वाहन चलाते समय सावधानी रखें।

कन्या: आज आपके आमदनी बढऩे के आसार हैं, कार्य क्षेत्र में लाभ होगा। एकाग्रता बनाए रखें। व्यवसाय से जुड़ा कोई फैसला लेते वक्त आप सावधान रहें ताकि कोई आप को ठगे नहीं क्योंकि अंदेशा है कि आपके व्यवसायिक साझेदार आपके व्यवहार का नाजायज फायदा उठाने की कोशिश करें।

तुला : व्यवसाय और व्यापार के क्षेत्र में लाभ होगा। वसूली के पैसे आएंगे। परिवार में भी आनंद का वातावरण रहेगा। आज का दिन काफी लाभप्रद है और उसे बेकार न जाने दे। आर्थिक प्रबंधन में अपने महारथ और सकारात्मक सोच की बदौलत आप आसानी से अपना आर्थिक लक्ष्य पा लेंगे।

वृश्चिक: आज के दिन कार्यालय का माहौल अनुकूल बना रहेगा। वैवाहिक जीवन पर आशंकाओं के बादल मण्डरा सकते हैं। कई दिनों से चली आ रही बीमारी से आज आराम मिलेगा। आज का दिन शेयर बाजार में निवेश के लिए उत्तम है परन्तु आपको अपने निवेश को लेकर सतर्क रहना होगा।

धनु: आज आप एक साथ कई परियोजनाओं के बोझ तले दबा हुआ सा महसूस कर सकते हैं। मन में व्यग्रता रहेगी। आप अपने कार्य को कुछ देर से शुरू कर पायेंगे क्योंकि काम के बोझ से आप अपने को थका हुआ महसूस करेंगे। नतीजों की चिंता किए बिना मेहनत करें कामयाबी अवश्य मिलेगी।

मकर: आज आप ज्यादा खाने से बचें। अचानक नए स्रोतों से धन मिलेगा। आज आप अकेलापन महसूस कर सकते हैं। अपने समय को बचाने की बजाय उनकी चिंता को समझना आपके लिए आज ज्यादा जरूरी होगा। अगर आप फिर भी बिना सोचे समझे आगे बढ़ते जायेंगे तो आपको कड़ाई से सबक मिल सकता है।

कुंभ: नये विचार भी दिमाग में आयेंगे। आप अपने दृढ़ प्रयासों से अपने लक्ष्य को पा लेंगे और आपके सपने साकार होंगे। आप अपनी वित्तीय सुरक्षा का आनंद ले पाएंगे। आज आप कुछ धन दान भी दे सकते हैं। आज आपको एक अप्रत्याशित स्रोत से धन लाभ होने की संभावना है। मानसिक चिंता रहेगी।
मीन: उद्योग में निवेश करेंगे तो वो काफी फायदेमंद साबित होगा। मित्रों के मिलने से आपको आनंद होगा। व्यावसायिक क्षेत्र में सकारात्मक वातावरण रहेगा। आज परिजन और मित्रों के साथ आनंदपूर्वक समय बिताएंगे। खर्च अधिक न हो इसका ध्यान रखिएगा। वाणी पर संयम रखें।

🌞ll ~ वैदिक पंचांग ~ ll🌞
🌤️ दिनांक – 06 जुलाई 2022
🌤️ दिन – बुधवार
🌤️ विक्रम संवत – 2079
🌤️ शक संवत -1944
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – वर्षा ऋतु
🌤️ मास -आषाढ़
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – सप्तमी शाम 07:48 तक तत्पश्चात अष्टमी
🌤️ नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी सुबह 11:44 तक तत्पश्चात हस्त
🌤️ योग – वरीयान सुबह 11:43 तक तत्पश्चात परिघ
🌤️ राहुकाल – दोपहर 12:43 से दोपहर 02:24
🌞 सूर्योदय – 05:28
🌦️ सूर्यास्त – 06:23
👉 दिशाशूल – उत्तर दिशा में
🚩 *व्रत पर्व विवरण –
🔥 *विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

🌷 चतुर्मास व्रत की महिमा 🌷
गतांक से आगे……..
🙏🏻 चतुर्मास में विशेष रूप से जल की शुद्धि होती है। उस समय तीर्थ और नदी आदि में स्नान करने का विशेष महत्त्व है। नदियों के संगम में स्नान के पश्चात् पितरों एवं देवताओं का तर्पण करके जप, होम आदि करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है। ग्रहण के समय को छोड़कर रात को और संध्याकाल में स्नान न करें । गर्म जल से भी स्नान नहीं करना चाहिए। गर्म जल का त्याग कर देने से पुष्कर तीर्थ में स्नान करने का फल मिलता है।
🙏🏻 जो मनुष्य जल में तिल और आँवले का मिश्रण अथवा बिल्वपत्र डालकर ॐ नमः शिवाय का चार-पाँच बार जप करके उस जल से स्नान करता है, उसे नित्य महान पुण्य प्राप्त होता है। बिल्वपत्र से वायु प्रकोप दूर होता है और स्वास्थ्य की रक्षा होती है।
🙏🏻 चतुर्मास में जीव-दया विशेष धर्म है। प्राणियों से द्रोह करना कभी भी धर्म नहीं माना गया है। इसलिए मनुष्यों को सर्वथा प्रयत्न करके प्राणियों के प्रति दया करनी चाहिए। जिस धर्म में दया नहीं है वह दूषित माना गया है। सब प्राणियों के प्रति आत्मभाव रखकर सबके ऊपर दया करना सनातन धर्म है, जो सब पुरुषों के द्वारा सदा सेवन करने योग्य है।
🙏🏻 सब धर्मों में दान-धर्म की विद्वान लोग सदा प्रशंसा करते हैं। चतुर्मास में अन्न, जल, गौ का दान, प्रतिदिन वेदपाठ और हवन – ये सब महान फल देने वाले हैं।
🙏🏻 सतकर्म , सत्कथा, सत्पुरुषों की सेवा, संतों के दर्शन, भगवान विष्णु का पूजन आदि सत्कर्मों में संलग्न रहना और दान में अनुराग होना – ये सब बातें चतुर्मास में दुर्लभ बतायी गयी है। चतुर्मास में दूध, दही, घी एवं मट्ठे का दान महाफल देने वाला होता है। जो चतुर्मास में भगवान की प्रीति के लिए विद्या, गौ व भूमि का दान करता है, वह अपने पूर्वजों का उद्धार कर देता है। विशेषतः चतुर्मास में अग्नि में आहूति, भगवद् भक्त एवं पवित्र ब्राह्मणों को दान और गौओं की भलीभाँति सेवा, पूजा करनी चाहिए।
🙏🏻 पितृकर्म (श्राद्ध) में सिला हुआ वस्त्र नहीं पहनना चाहिए। जिसने असत्य भाषण, क्रोध तथा पर्व के अवसर पर मैथुन का त्याग कर दिया है, वह अश्वमेघ यज्ञ का फल पाता है। असत्य भाषण के त्याग से मोक्ष का दरवाजा खुल जाता है। किसी पदार्थ को उपयोग में लाने से पहले उसमें से कुछ भाग सत्पात्र ब्राह्मण को दान करना चाहिए। जो धन सत्पात्र ब्राह्मण को दिया जाता है, वह अक्षय होता है। इसी प्रकार जिसने कुछ उपयोगी वस्तुओं को चतुर्मास में त्यागने का नियम लिया हो, उसे भी वे वस्तुएँ सत्पात्र ब्राह्मण को दान करनी चाहिए। ऐसा करने से वह त्याग सफल होता है।

🙏🏻 चतुर्मास में जो स्नान, दान, जप, होम, स्वाध्याय और देवपूजन किया जाता है, वह सब अक्षय हो जाता है। जो एक अथवा दोनों समय पुराण सुनता है, वह पापों से मुक्त होकर भगवान विष्णु के धाम को जाता है। जो भगवान के शयन करने पर विशेषतः उनके नाम का कीर्तन और जप करता है, उसे कोटि गुना फल मिलता है।
🙏🏻 देवशयनी एकादशी के बाद प्रतिज्ञा करना कि ”हे भगवान ! मैं आपकी प्रसन्नता के लिए अमुक सत्कर्म करूँगा।” और उसका पालन करना इसी को व्रत कहते हैं। यह व्रत अधिक गुणों वाला होता है। अग्निहोत्र, भक्ति, धर्मविषयक श्रद्धा, उत्तम बुद्धि, सत्संग, सत्यभाषण, हृदय में दया, सरलता एवं कोमलता, मधुर वाणी, उत्तम चरित्र में अनुराग, वेदपाठ, चोरी का त्याग, अहिंसा, लज्जा, क्षमा, मन एवं इन्द्रियों का संयम, लोभ, क्रोध और मोह का अभाव, वैदिक कर्मों का उत्तम ज्ञान तथा भगवान को अपने चित्त का समर्पण – इन नियमों को मनुष्य अंगीकार करे और व्रत का यत्नपूर्वक पालन करे।
समाप्त……..
🌷 (पद्म पुराण के उत्तर खंड, स्कंद पुराण के ब्राह्म खंड एवं नागर खंड उत्तरार्ध से संकलित)

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