दिन दहाड़े लोकतंत्र की हत्या करवा रही हेमंत सरकार:अमर कुमार बाउरी

रांची:झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें कार्य दिवस के दिन विधानसभा अध्यक्ष ने भारतीय जनता पार्टी के 18 विधायकों को 2 अगस्त 2024 के दोपहर 2:00 बजे तक के लिए सदन से निलंबित कर दिया है। विधायकों पर आरोप है कि उन्होंने विधानसभा के विशेषाधिकार का हनन किया है। सदन से निलंबित होने के बाद नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी के नेतृत्व में सभी निलंबित विधायकों ने विधानसभा के बाहर राज्य सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।
मौके पर नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष विपक्ष की आवाज, जो कि पूरे झारखंड की आवाज है उसको अपने विशेषाधिकार की आड़ में दबाने का प्रयास कर रही है। अपनी वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति को लेकर विधानसभा अध्यक्ष सरकार के कार्यकर्ता के रूप में सदन के अंदर काम कर रहे हैं। वे दिनदहाड़े लोकतंत्र की हत्या कर रहे है और बिना किसी दोष के भारतीय जनता पार्टी के 18 विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया।
उन्होंने कहा कि किस नियम के तहत सभी 18 विधायकों को अध्यक्ष ने निलंबित किया है यह जनता को बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज झारखंड में अघोषित इमरजेंसी लगी हुई है और सरकार के नेता राज्य में नंगा नाच कर रहा है। आज का दिन झारखंड के इतिहास का वह काला दिन है जब कार्यकर्ता के रूप में काम करने वाले विधानसभा अध्यक्ष सरकार के इशारे पर फैसला ले रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के विधायक राज्य के युवाओं के भविष्य को लेकर सरकार से जवाब मांग रहे थे लेकिन सरकार के पास कोई जवाब नहीं होने के कारण वह विधानसभा अध्यक्ष के माध्यम से विपक्ष की आवाज को दबा रहे है।
उन्होंने कहा कि राज्य की जनता और भारतीय जनता पार्टी यह कभी नहीं होने देग। युवाओं के भविष्य और उनके हक अधिकार के लिए यदि 10 बार भी विधायक की छोड़ने पड़े तो भारतीय जनता पार्टी के सभी विधायक छोड़ने को तैयार है।
उन्होंने वर्ष 2014 एवं वर्ष 2019 का जिक्र करते हुए कहा कि जिस वक्त दिनेश उरांव झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष थे उसे वक्त उनके ऊपर जूता फेंका गया, गालियां दी गई लेकिन उस समय के तत्कालीन अध्यक्ष ने किसी भी विधायक को निलंबित नहीं किया। आज तक किसी भी अध्यक्ष ने ऐसा कभी नहीं किया यह परंपरा और लोकतंत्र की हत्या है।
बुधवार की देर रात हुई घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से सारे नियम को ताक पर रखते हुए प्रदर्शन कर रहे विधायक को शौचालय जाने से रोका गया, बिजली काट दी गई, उन्हें जबरन वेल से निकाला गया। इतना ही नहीं उन्हें जबरन विपक्ष लॉबी से भी बाहर किया गया।

उन्होंने कहा कि विधानसभा परिसर किसी एक व्यक्ति की संपत्ति नहीं है यह लोकतंत्र का मंदिर है और यहां जनता की बातें की जाती है और बात करने वाले वह है जिन्हें जनता ने चुनकर भेजा है। झारखंड की जनता यह सब कुछ देख रही है। मात्र दो महीने की उम्र वाली इस सरकार को इस बार के विधानसभा चुनाव में जनता उखाड़ फेंकेगी।

असम के मुख्यमंत्री एवं झारखंड विधानसभा चुनाव के सब प्रभारी हेमंत विश्वकर्मा को पाकुड़ जाने से रोकने के विषय पर उन्होंने कहा यह सरकार नहीं चाहती है कि उनकी पोल खुले, क्या पाकुड़ का गोपीनाथपुर गांव किसी दूसरे देश में है यदि नहीं तो भारत के एक नागरिक को जो खुद मुख्यमंत्री भी है उन्हें अपने ही देश में किसी एक जगह पर जाने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है। क्योंकि सरकार जानती है कि जिस तरह से उन्होंने आदिवासी युवाओं पर लाठियां बरसाई है, बांग्लादेशी घुसपैठियों को झारखंड में बसाने का काम किया है वह सारी बातें हेमंता विश्वाशर्मा जनता के बीच सार्वजनिक कर देंगे और इसी डर की वजह से उन्हें पाकुड़ जाने से की अनुमति नहीं दी गई।

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