सनातन नववर्ष पर महावीर मन्दिर में हनुमान जी पहनेंगे, 12.23 लाख का स्वर्ण मुकुट-हार
अनूप कुमार सिंह
पटना: सनातन नववर्ष शुभारंभ के पावन अवसर पर पटना के महावीर मन्दिर में हनुमान जी के दोनों विग्रह स्वर्ण जड़ित मुकुट व हार से सुशोभित होंगे। महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि भारत सरकार की संस्था मेटल्स एंड मिनरल्स ट्रेडिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया से एकदम शुद्ध सोना खरीदकर चेन्नई की एजेंसी से स्वर्ण जड़ित मुकुट व हार बनवाए गये हैं। इसमें 24 कैरेट के 999.9 की शुद्धता का 160 ग्राम सोना लगा है। सोने की कीमत 10.99 लाख रूपये है। मुकुट और हार बनवाने पर 1.24 लाख रुपये खर्च हुए हैं। शुद्ध सोने से बने स्वर्ण जड़ित मुकुट व हार के इस जोड़े की कुल कीमत 12.23 लाख रुपये है। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि 9 अप्रैल को नव वर्ष प्रतिपदा और मंगलवार के अति शुभ संयोग पर हनुमान जी इसे धारण करेंगे। मंगलवार को स्वर्ण जड़ित मुकुट व हार धारण किए हुए हनुमान जी का तस्वीर जारी किया जाएगा।
फूलों की बारिश के बीच रामलला के दर्शन।
पटना।राजधानी पटना के
महावीर मन्दिर में रामनवमी की तैयारियां भी शुरू हो गयी हैं। महावीर मन्दिर का रंगो-रोगन कराया जा रहा है। भक्तों के लिए रास्ते में पंडाल आदि का निर्माण भी जारी है। रामनवमी के दिन भक्तों के लिए महावीर मन्दिर का पट तड़के 2 बजे ही खुल जाएगा। भक्तों की संभावित भीड़ के प्रबन्धन के लिए भी आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं। 9 अप्रैल को मंगलवार और वर्ष प्रतिपदा के अवसर पर 10 हजार किलो नैवेद्यम बनाया जा रहा है। रामनवमी के दिन बीस हजार किलो नैवेद्यम तैयार करने की योजना है। रामनवमी को रामलला के प्राकट्य अवसर पर महावीर मन्दिर के ऊपर फूलों की बारिश करायी जाएगी।
वर्ष प्रतिपदा से दरिद्र नारायण भोज दोनों पहर
वर्ष प्रतिपदा के दिन मंगलवार से महावीर मन्दिर में दोनों पहर दरिद्रनारायण भोज कराया जाएगा। महावीर मन्दिर में वर्षों से दोपहर को निःशुल्क दरिद्र नारायण भोज कराया जाता रहा है। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि राम रसोई और सीता रसोई की तर्ज पर जरूरतमंदों के लिए दरिद्र नारायण भोज भी अब दोनों पहर चलेगा। 9 अप्रैल मंगलवार से दोपहर 12 बजे और शाम 7 बजे निःशुल्क दरिद्र नारायण भोज कराया जाएगा। दोनों पहर निःशुल्क साधु सेवा भी पूर्ववत चलेगा। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि पूर्वी चंपारण के कैथवलिया में निर्माणाधीन विराट रामायण मन्दिर के भूगर्भ निर्माण यानी पाइलिंग का कार्य संपन्न हो गया है। अब ऊपर का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ है।