गुरूजी ने साढ़े तीन करोड़ झारखण्ड को बेचा, बेटा भी उसी राह पर : सालखन मुर्मू 

रांची : आदिवासी सेंगर के नेता सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा कि झारखण्ड को आदिवासी नेताओं ने ही लूटा है.जब से अलग राज्य गठन हुआ आदिवासी ही मुख्यमंत्री रहे.यहां के अद्वासियों का विकास होने ही नहीं दिया गया. उन्होंने झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन और सीएम हेमंत सोरेन पर हमला करते हुए कहा कि गुरुजी ने 1993 में झारखण्ड को साढ़े तीन करोड़ में बेचा और अब उनका बेटा हेमंत सोरेन भी उसी राह पर है. यह सिलसिला जारी है. पूरा सोरेन परिवार जमीन के व्यवसाय में लगा हुआ है.

सालखन मुर्मू शनिवार को रांची प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि झारखण्ड में आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में है. जबतक आदिवासियों का भाषा, संस्कृति और सभ्यता नहीं बेचेगी तबतक आदिवासियों का विकास नहीं होगा. उन्होंने कहा कि राजधानी रांची में आदिवासियों का एक विशाल रैली का आयोजन होना था. इसमें देश के पांच राज्यों से करीब 50 हजार आदिवासी नेताओं का आगमन होने वाला था.लेकिन राज्य सरकार ने कोविड का हवाला देते हुए रैली करने की अनुमति नहीं दिया है.

श्री मुर्मू ने कहा कि जब कोविड में पंचायत चुनव हो सकता है तो रैली क्यों नहीं किया जा सकता है. आदिवासी राज्य में आदिवासी रैली करने पर रोक यह दुर्भाग्य की बात है.

उन्होंने कहा कि आज पुरे झारखण्ड के आदिवासी दुखी हैं. आदिवासी सीएम होने के बाद भी आदिवासी की रैली स्थगित किया गया है.

उन्होंने कहा कि देश में 22 भाषाओँ को मान्यता प्राप्त है,उसमे एक संथाली भाषा भी है. लेकिन झारखण्ड आदिवासी राज्य होने के बावजूद संथाली भाषा को राज्य का दर्जा प्राप्त नहीं दिया गया है.  संथाली को राजभाषा का दर्जा देने की मांग को लेकर राजधानी रांची में होने वाली रैली स्थगितकर दिया गया. उन्होंने कहा कि हेमन्त सोरेन की सरकार आदिवासी और संथाल विरोधी है. सीएनटी एक्ट का उल्लंधन कर राज्य के कई जिले में इनलोगों ने जमीन की खरीदारी की है.

हेमंत सोरेन को राज्य के विकास से कोई मतलब नहीं है. इन्हें अपने परिवार के विकास से मतलब है. आदिवासी नेता एमपी,एमएलए बनकर मौज कर रहे हैं. आदिवासी भाषा और संस्कृति से कोई मतलब नहीं है.

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