ग्राम संसद ग्रामीण लोकतंत्र का सबसे प्रामाणिक और प्रभावी मंच है: दीपिका सिंह पांडेय
रांची: झारखंड की राजधानी रांची में शनिवार को ‘ग्राम संसद – झारखंड चैप्टर कॉन्क्लेव 2025’ का आयोजन अत्यंत उत्साह और सहभागिता के साथ किया गया। इस विशेष अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने विशेष रूप से भाग लिया।
इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य ग्रामीण विकास को नई दिशा देना, नीति निर्माण में जमीनी स्तर पर भागीदारी को बढ़ाना और योजनाओं की पहुँच को गांव के अंतिम व्यक्ति तक प्रभावी ढंग से सुनिश्चित करना रहा। कार्यक्रम में राज्यभर से आए पंचायत प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, प्रशासनिक अधिकारियों और नीति विशेषज्ञों ने भाग लिया।
मौके पर मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि ग्राम संसद ग्रामीण लोकतंत्र का सबसे प्रामाणिक और प्रभावी मंच है। जब तक नीति निर्माण की प्रक्रिया में गांव की असली आवाज़ शामिल नहीं होगी, तब तक विकास अधूरा रहेगा। झारखंड के हर गांव की महिलाएं, युवा और किसान इस बदलाव के हिस्सेदार बनें — यही इस मंच का मकसद है।”
कॉन्क्लेव में निम्नलिखित विषयों पर सार्थक संवाद और चर्चा हुई:
1. ग्राम सभाओं की भूमिका – ग्राम सभाओं को सशक्त करने और उनकी संस्तुतियों को योजनाओं में प्राथमिकता देने की मांग।
2. योजनाओं की निगरानी में समुदाय की भागीदारी – MGNREGA, PMAY और अन्य योजनाओं में पारदर्शिता के लिए सामाजिक ऑडिट की भूमिका।
3. महिला सशक्तिकरण और नेतृत्व – पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी को केवल प्रतिनिधित्व नहीं, बल्कि निर्णयकारी भूमिका में लाना।
4. डिजिटल ग्राम संसद की संकल्पना – तकनीक के माध्यम से राज्य स्तर पर जमीनी मुद्दों की सीधी रिपोर्टिंग की व्यवस्था।
आगे की कार्ययोजना
कार्यक्रम के समापन पर यह संकल्प लिया गया कि इस प्रकार की ग्राम संसदें अब राज्य के विभिन्न जिलों और प्रखंडों में नियमित अंतराल पर आयोजित की जाएंगी। दीपिका पांडे सिंह ने यह भी आश्वासन दिया कि वे विधानसभा स्तर पर इन चर्चाओं में आए सुझावों को सरकार के समक्ष रखने का कार्य करेंगी।

