गणादेश खासः झारखंड में अरबों का जमीन घोटाला, एक्शन में सीआईडी
रांचीः झारखंड में जमीन घोटालेबाजों पर अब गाज गिरनी तय है। इसमें राज्य के कई वरीय अफसर और सफेदपोश रडार में आ गए हैं। सीआइडी ने इसकी जांच शुरू कर दी है। आरंभिक जांच में सीआइडी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी हाथ लगे हैं। इसमें राज्य के एक वरीय व्यूरोक्रेट्स का भी नाम सामने आ रहा है।
राजस्व विभाग के निर्देश के बाद शुरू हुई जांच राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निर्देश पर राज्य के विभिन्न अंचलों में जमीन घोटाले की जांच शुरू की गई है। विशेष जांच के लिए सीआइडी एडीजी प्रशांत सिंह ने सीआइडी के बोकारो रेंज डीएसपी नीरज सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया है. टीम में सीआइडी के तीन इंस्पेक्टर व अन्य कर्मी हैं.
धनबाद में कई अफसर व सफेदपोश नपेंगे
धनबाद में हुए जमीन घोटाले में कई अफसर और सफेदपोश नपेंगे। धनबाद के विभिन्न अंचलों में भूमि घोटाले की जांच सीआइडी ने शुरू कर दी है. आरंभिक जांच के दौरान सीआइडी को कई अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं। धनबाद के तीन अंचल धनबाद, बलियापुर और बाघमारा में सरकारी एवं सीएनटी भूमि की बिक्री का मामला सामने आया है। इस मामले पर तत्कालीन डीसी उमाशंकर सिंह के निर्देश पर पूरे मामले की जांच हुई थी. जांच के दौरान यह बात सामने आयी थी कि धनबाद के तीनों अंचल में बड़े पैमाने पर गैर आबाद, खास एवं सीएनटी खातों की जमीन की न केवल बिक्री की गयी, बल्कि जमीन की अलग-अलग डीड के जरिये रजिस्ट्री भी हुई. इसके साथ ही कई जमीन का म्यूटेशन भी हुआ. जांच के बात अंचल अधिकारी सहित 25 लोगों की भूमिका संदिग्ध होने के कारण उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा गया था. इसके साथ ही डीसी ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को रिपोर्ट भेज कर मामले में कार्रवाई की अनुशंसा की थी. इसके बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने पूरे मामले में सीआइडी जांच कराने के लिए गृह विभाग को पत्राचार किया था.
राजधानी रांची में भी हुआ है बड़ा खेल
राजधानी रांची के बड़गाई में 54 एकड़ सरकारी जमीन जिसका बाजार मूल्य करोड़ों में है, कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी तरीके से एक व्यक्ति के नाम कर दी गई. इसमें एनआईसी के अफसरों और कर्मचारियों की भूमिका सामने आई है.इस मामले में सीओ की ओर से खेल गांव थाना में एक मामला दर्ज कराया गया था, जिसमें नारायण सिंह का पुत्र मनन गोप, नरेंद्र गुप्ता के साथ एनआईसी के कुछ कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया । इस मामले की भी जांच चल रही है।
स्वर्णरेखा नदी के किनारे की जमीन पर भी नजर
स्वर्णरेखा नदी के किनारे जमीन को भी कब्जा किया गया है। भू-माफियाओं की नजर भुसूर नदी के आसपास की 100 एकड़ जमीन पर है. जुमार नदी के किनारे भी सरकारी जमीन को कब्जा कर लिया गया. इसकी जांच सीआईडी ने शुरू कर दी है। कांके स्थित लॉ यूनिवर्सिटी के किनारे 25 एकड़ जमीन प्लॉटिंगकी गई है। जुमार नदी के किनारे मिट्टी भरने और जेसीबी से समतलीकरण करने का काम किया गया. करीब 24 एकड़ जमीन पर कब्जा हो चुका है. इस सभी की जांच शुरू हो गई है।
देवघर में दस्तावेज ही गायब
देवघर में सरकारी दस्तावेज गायब कर दिए गए, रजिस्टर फाड़ा गया है. इस मामले में वहां के पूर्व सीईओ अनिल सिंह की भूमिका सामने आई है. इस मामले की जांच भी सीआईडी करेगी. सीओ की संपत्ति की जांच अलग से की जाएगी. अभी रांची और देवघर में हुए अरबों रुपए की जमीन लूट के मामले में अगर पूरी तरह से जांच हुई तो कई अधिकारियों पर कार्रवाई संभव है