गणादेश खासः मनरेगा में गड़बड़ी, 1056 लोगों पर हुई कार्रवाई, 11 पर एफआइआर, ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा
रांची: झारखंड में मनरेगा में गड़बड़ी को लेकर अब तक 1056 लोगों पर कार्रवाई हुई है। इसका खुलासा ऑडिट रिर्पोट में हुआ है। इसमें मुखिया, पंचायत सेवक और ग्राम रोजगार सहित सरकारी कर्मचारी व अन्य शामिल हैं. सरकार ने इनमें से 11 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की है. साथ ही 22.31 लाख रुपये की वसूली की है.
सोशल ऑडिट में पकड़ी गयी गड़बड़ियों की जांच के लिए सरकार ने चार सदस्यों के दल का गठन किया था. इस जांच दल ने जिलों का दौरा कर सोशल ऑडिट रिपोर्ट में मिली 895 गड़बड़ियों की जांच की और सरकार को रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट की समीक्षा के दौरान सोशल ऑडिट रिपोर्ट में पायी गयी 717 गड़बड़ियों को सही पाया गया.
सरकार की समीक्षा में सिर्फ मनरेगा की योजनाओं में बाल मजदूरों के काम करने को गलत करार दिया है. गिरिडीह और गढ़वा में एक-एक बाल मजदूर के काम करने का उल्लेख किया था. सरकारी जांच दल ने गिरिडीह जिले में बाल मजदूर के काम करने की घटना को गलत बताया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दल के अधिकारियों ने 15 साल के उस बाल मजदूर से बात की, जिसके काम करने का उल्लेख ऑडिट रिपोर्ट में किया गया था. उसने बताया कि वह आठवीं पास है. उसके माता पिता मनरेगा मजदूर हैं. जिस दिन सोशल ऑडिट की टीम आयी थी, उस दिन वह कार्य स्थल पर खेल रही थी. इसकी जांच सरकार ने रंका के बीडीओ से करायी. बीडीओ ने अपनी रिपोर्ट में जिले की सिरोईखुर्द में बाल मजदूर के काम करने की बात को गलत करार दिया है. उन्होंने रिपोर्ट में लिखा है कि सोशल ऑडिट टीम ने दुर्भावना से प्रेरित होकर बाल मजदूर के काम करने की बात को बाद में अपनी रिपोर्ट में जोड़ दिया है.
आरोपी अफसरों की बढ़ेगी परेशानी
मनरेगा कार्य के दौरान आरोपी अफसरों की परेशानी बढ़ने वाली है. मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने मनरेगा के कार्य के दौरान आरोपी पदाधिकारियों पर अब तक क्या कार्रवाई हुई इसकी पूरी रिपोर्ट मांगी है. जिन मामलों में कार्मिक प्रशासनिक सुधार विभाग को कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है उसकी भी जानकारी देने को कहा गया है. कार्मिक विभाग में पड़े वैसे सभी लंबित मामलों को ट्रैक करने को कहा गया है जो सालों से वहां पेडिंग हैं. इनमें कई प्रखंड विकास पदाधिकारी भी हैं जिनपर मनरेगा के क्रियान्वयन में गंभीर आरोप लगे हैं. इन सारे मामलों का निष्पादन जल्द कराने के लिए विभागीय पदाधिकारियों को पहल करने का निर्देश दिया गया है.