भड़के पप्पू यादव बोले-फोन नहीं उठाते हैं तेजस्वी, इतना अहंकार ठीक नहीं

पटना : विपक्षी एकता की दूसरी बैठक बेंगलुरु में बीते मंगलवार को खत्म हो गई। अनुरोध के बावजूद ‘जाप’ सुप्रीमो पप्पू यादव को दूसरी बार भी इससे दरकिनार किया गया है। इस पर पप्पू यादव ने मंगलवार को कहा कि जब पहली बैठक में नहीं बुलाया गया था तो उस वक्त भी उन्होंने लालू यादव और सीएम नीतीश कुमार से आग्रह किया था कि हमें महागठबंधन का हिस्सा बनाइए। लालू यादव से मिलकर भी आग्रह किया था कि मुझे महागठबंधन का हिस्सा बनाया जाए, लेकिन उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव इसका निर्णयलेंगे। हमने तेजस्वी यादव को भी कई बार फोन से बात करने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं हो पाई। हम तेजस्वी से कहना चाहते हैं कि आखिर एक बार बात तो करें, वह क्या चाहते हैं? यह भी तो मैं जानना चाहता हूं, लेकिन पता नहीं क्या कारण है कि मुझे अभी तक महागठबंधन में शामिल नहीं किया गया।

महागठबंधन नेताओं से पूछे सवाल

पप्पू यादव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकता की दूसरी बड़ी बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में आयोजित की गई। बार-बार आग्रह करने के बावजूद अभी तक महागठबंधन में ‘जाप’ को शामिल नहीं किये जाने पर पप्पू यादव ने हैरानी जताए हुए कई सवाल उठाए। पप्पू यादव ने कहा कि मैंने महाठबंधन के बड़े नेताओं और नीतीश कुमार से भी आग्रह किया है कि मुझे महागठबंधन का हिस्सा बनाया जाए, लेकिन इस विषय पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
‘जाप’ सुप्रीमो ने कहा कि महागठबंधन की ओर से कोई जवाब नहीं मिला और दूसरे फेज की बैठक में भी उन्हें निमंत्रण नहीं दिया गया। पप्पू यादव ने एलान कर दिया है कि अब बात बर्दाश्त से बाहर हो गई है। अगस्त महीने तक कांग्रेस पार्टी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव कोई निर्णय नहीं लेते हैं तो हमारी पार्टी एकला चलो की राह पर चलेगी। वहीं, पप्पू यादव ने महागठबंधन को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि कांग्रेस को तय करना होगा कि मैं महागठबंधन का हिस्सा हूं या नहीं? अगस्त तक मुझे महागठबंधन शामिल नहीं किया गया तो मेरी पार्टी की पांच सीटों पर लड़ने की तैयारी होगी। जनता से पूछकर अकेले तीन से पांच सीटों पर चुनाव लड़ूंगा।
पप्पू यादव ने कहा कि कांग्रेस ने बड़ा दिल दिखाते हुए ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को विपक्षी एकजुटता में साथ लेकर आई है, लेकिन बिहार में क्या कारण है कि महागठबंधन बड़ा दिल दिखाते हुए मुझे साथ लेने को तैयार नहीं है। मेरी कोई इच्छा नहीं है कि कोई तीसरी पार्टी बिहार में बने, लेकिन अगर मुझे दरकिनार किया गया तो मैं मजबूर हो जाऊंगा। 5 सीटों के लिए सक्षम हूं, लेकिन महागठबंधन जो भी निर्णय लेगा, उसके लिए मैं तैयार हूं, लेकिन कोई मुझसे बात तो करें। उन्होंने तेजस्वी यादव का बगैर नाम लेते हुए इशारो में कहा कि देश हित के लिए ज्यादा अहंकार ठीक नहीं है। सभी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहता हूं। जो भी सीटें मुझे मिलेगी उस पर मंजूर होगा, लेकिन किसी भी हाल में मैं पार्टी का विलय नहीं करूंगा।

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