51 की उम्र में 12वीं की परीक्षा दे रहे हैं पूर्व भाजपा विधायक

बरेली : बरेली की बिथरी-चैनपुर सीट से 51 वर्षीय पूर्व भाजपा विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल 12वीं की परीक्षा दे रहे हैं। जब वे परीक्षा देने पहुंचे तो बड़ी उम्र के परीक्षार्थी को अपने बीच देख पहले तो छात्र-छात्राएं हैरान थे। हालांकि, इस उम्र के व्यक्ति में पढ़ाई के प्रति लगन को देख उन्होंने प्रशंसा भी की। राजेश मिश्रा ने भी बताया कि परीक्षा के लिए आए छात्र पहले तो मुझे देखकर हैरान रह गए, लेकिन वे यह देखकर खुश हुए कि उनके क्षेत्र का एक राजनेता उनके साथ परीक्षा देने आया है।
राजेश मिश्रा को साल 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा से टिकट मिला और उन्होंने बरेली के बिथरी चैनपुर सीट से जीत हासिल की थी। हालांकि, उन्हें पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने टिकट नहीं दिया था। एक राजनीतिज्ञ के रूप में अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद पूर्व विधायक मिश्रा ने अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने का फैसला किया और 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। पूर्व विधायक मिश्रा का मानना है कि अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने से उन्हें अपने युवा मतदाताओं के साथ बेहतर तरीके से जुड़ने में मदद मिलेगी। साथ ही इसके पीछे एक बड़ा उद्देश्य भी है।
मिश्रा ने कहा कि एक विधायक के रूप में मैंने महसूस किया था कि बड़ी संख्या में लोग, विशेष रूप से जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उन्हें न्याय नहीं मिलता है। दरअसल, वे एक अच्छे वकील का खर्च नहीं उठा सकते। मैं ऐसे लोगों की मदद करने के लिए कानून का अध्ययन करना चाहता हूं। ऐसा करने के लिए 12वीं क्लास को पास करना जरूरी था।
विज्ञान में रुचि, आर्ट की पढ़ाई
वकील बनने के लिए राजेश मिश्रा ने विज्ञान विषय में गहरी रुचि होने के बावजूद आर्ट को चुना। उन्होंने बताया कि मैंने बोर्ड परीक्षा के लिए अपने विषयों के रूप में हिंदी, ललित कला, सामाजिक अध्ययन, नागरिक शास्त्र और समाजशास्त्र को चुना है, क्योंकि ये विषय मुझे कानून की पढ़ाई में भी मदद करेंगे। विज्ञान में रुचि रखने वाले व्यक्ति के रूप में आर्ट विषयों के साथ उनकी एकमात्र शिकायत यह है कि उन्हें बहुत कुछ लिखना पड़ता है।
3 बड़े बच्चों के पिता है, वे भी करते हैं पढ़ाई में मदद
तीन बड़े बच्चों के पिता मिश्रा ने कहा कि मैं रात में 11 बजे और 1 बजे से पढ़ता हूं। इससे दिन के समय में भी मुझे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने का समय मिल जाता है। जिस तरह अधिकांश परिवार अपने बोर्ड या अन्य परीक्षाओं में बैठने वाले बच्चों का ख्याल रखते हैं, उसी तरह राजेश मिश्रा को भी परिजनों से विशेष सहयोग मिलता है।
पूर्व विधायक मिश्रा ने कहा कि मैं जहां भी पढ़ रहा होता हूं, वहां मुझे खाना मिल जाता है। मेरे बच्चे भी मेरी पढ़ाई में मदद कर देते हैं। साथ ही मुझे परीक्षा में बेहतर करने के तनाव से बचने के भी गुर भी बताते रहते हैं।
छात्रों को दिया मंत्र
राजेश मिश्रा को पूरा यकीन है कि वह परीक्षा पास कर लेंगे। उन्होंने कहा कि मैं किसी भी चीज की चिंता किए बिना अपनी पढ़ाई पर ध्यान देता हूं। यहां तक कि मैं किशोर छात्रों को भी यही कहता हूं। फोकस के साथ काम करना जीवन में सफलता का एकमात्र मंत्र है।

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