मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना में किसानों को मिलेंगे 3500 रुपए : बादल
रांची: कृषि मंत्री बदल ने कहा है कि राज्य सरकार किसानों को राहत देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसके तहत मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के अंतर्गत किसानों को 3500 रुपए देने का फैसला लिया गया है।
यह राशि राज्य सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर यानी 29 तारीख को किसानों को सीधे उनके खाते में दिए जायेंगे। कृषि मंत्री बदल शनिवार को विभागीय समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री ने कहा कि किसानों को फसल राहत योजना के लिए आपदा प्रबंधन विभाग को हमने निर्देशित किया है। इसके अलावा कृषि ऋण योजना,
मुख्यमंत्री पशुधन योजना को लेकर समीक्षा किया है। मुख्यमंत्री सुखाड़ योजना में 22 जिले के 226 प्रखंडों में आवेदन लिया जाना हैं । अंतिम तिथि 30 नवंबर तक है। इसमें लोगों से फ्रेस आवेदन लेना है और टोकन के रूप में एक रुपए जमा करना है। आवेदन उन सभी किसानों को देना है,जिसके पास एक डिसमिल जमीन हो या दस एकड़ जमीन हो,या फिर जमीन हो ही नहीं,वैसे किसान भी आवेदन कर सकते हैं। किसानों को झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत लोगों को राहत दिया जाएगा। बीच में पोर्टल बंद था,उसे चालू कर दिया गया है। यह 15 दिसंबर तक चालू रहेगा।
मंत्री ने कहा कि झारखंड राज्य फसल राहत योजना में जो किसान हैं या जो किसान किसी करनावस इन सब में अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए हैं,या जिनका केवाईसी हुआ है या नहीं हुआ है। आवेदन नहीं किया है, वे एक फ्रेस आवेदन दे सकते हैं।
मंत्री के कहा कि कृषि ऋण योजना में करीब नौ लाख का डाटा है। अपलोड में छह लाख दिखा।
ईकेवाईसी में चार लाख का डाटा प्राप्त हुआ है।
करीब दो लाख किसानों का अपलोड में मिसमैच हो गया है। इसकी जांच के लिए सभी डीसी को दिया है।
मंत्री ने कहा कि पहली बार झारखंड की किसी सरकार ने किसानों के लिए इतनी बड़ी योजना की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री फसल राहत योजना में किसानों को 3500 रुपए मिलेगा। यह तो एक शुरुआत है और केंद्र सरकार से सब्सिडी का डिमांड राज्य सरकार ने किया है। केंद्र की टीम जल्द राज्य के सभी जिले में जायजा लेगी। कृषि विभाग के लिए 542 करोड़ रुपए का सब्सिडी केंद्र से डिमांड किया गया है।
मंत्री ने कहा कि कुल 9139 करोड़ 80 लाख रुपए तीन महीने के लिए 2022-2023 वित्तीय सहयोग के लिए केंद्र सरकार से अधियाचना किया है। अब केंद्र सरकार पर निर्भर करता है की इसे किस रूप में लेती है।
वहीं मुख्यमंत्री पशुधन योजना के अंतर्गत 24 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें दस दिसंबर तक सभी आवेदन को स्वीकृत करने का निर्देश दिया गया है। इसमें 75 प्रतिशत सब्सिडी दिया गया है।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को एनपीसी की कोई जरूरत नहीं है,सिर्फ हल्का कर्मचारी से चिन्हित करना होगा।
मंत्री ने कहा मंत्री ने कहा इस बार लैंप्स में समय से पहले रवि फसल का बीज किसानों के बीच वितरित किया जा रहा है। रवि फसल को प्रोत्साहित करने के लिए हमने किसानों को काफी संख्या में बीज दे रहे हैं ।अभी जिले से और भी डिमांड आ रहा है। उन्होंने कहा कि देश के दो नामी कंपनी ने बीज सप्लाई में हाथ खड़ा कर दिया है। वह सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं। हमने कहा कि क्वालिटी में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो और भी पैसा हम देंगे। अब तक कोई विचार नहीं किया है। क्वालिटी यदि सही मिलती है तभी यह सक्सेस कर सकता है। उन्होंने कहा कि समय से पहले धान के बीज दिए गए हैं। दिसंबर तक फसल को बोने का समय है। लेकिन नवंबर के फर्स्ट वीक से उससे पहले से ही उनको बीच उपलब्ध करा दिया गया।
मंत्री ने कहा कि एक सो स्मार्ट विलेज की हमने योजना बनाई है। सभी जिले के उपायुक्त से रिपोर्ट लिया है ।अभी तक 39 विलेजों का अनुशंसा मिला है। 15 दिसंबर तक इसमें सभी डीसी को रिपोर्ट देने को कहा गया है। स्मार्ट विलेज को लेकर लोगों में बहुत उत्साह है। स्मार्ट विलेज राज्य और केंद्र की योजना है। राज्य और केंद्र सरकार की सभी योजना स्मार्ट विलेज में दिखेगी। इससे दूसरे गांव के लोग भी स्मार्ट विलेज की सोचेंगे। पत्रकार वार्ता में कृषि निर्देशक निशा उरांव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।