आज भी बिहार के कुरेड़ियार समाज का है अपना कानून और अपनी अदालत
पटनाः बिहार के समस्तीपुर में एक अनोखी परंपरा चली आ रही है। समस्तीपुर के कुरेड़ियार समाज की इस अनोखी परंपरा की चर्चा चारों ओर हो रही है। इस समाज का अपना कानून है और अपना अदालत भी। हत्या से लेकर कोई भी मामला थाना कचहरी में नहीं पहुंचता। यह समाज की अदालत में ही पहुंचता है। खुद समाज के लोग ही फैसला लेते हैं। जिसे सभी को मानना ही पड़ता है। फिलहाल यह अदालत समस्तीपुर के वारिसनगर प्रखंड के गोही-रामपुर विशुन गांव स्थित गाछी में पिछले सात दिनों से चल रहा है। इसमें अपने मसले के साथ दरभंगा तथा समस्तीपुर के लोग जुटे हैं।
बताते चलें कि पंचायत के पहले दिन मुख्य फैसलेदार सुफल धामी, बहादुर धामी व रुदल धामी ने पंचायत में पहुचे लोगों से हाल चाल जाना व समस्या सुनी। इस संबंध मे नरेश धामी, भगत धामी, गुप्ता धामी, संतोषी धामी ने बताया कि लगभग दो वर्षों पर समस्तीपुर व दरभंगा जिले के हमारी जाति के लोगों के पंचायत का आयोजन होता है। यह सात दिनों तक चलेगा। आठ दिन बाद जो बातों सामने आई हैं उसे नेपाल के जयनगर स्थित जातीय मुख्य अदालत में उठाया जाएगा। जहां उनकी समस्या पर फैसला सुनाया जाएगा। मुगलकाल से ही हमारी अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता चली आ रही है।
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