बिहार में भीषण गर्मी को लेकर कुम्हारों द्वारा तैयार किए गए मिट्टी के उत्पाद लाजवाब
पटना। राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में भीषण गर्मी व तपिश में जब प्राकृतिक ठंडक की तलाश बढ़ती जा रही है! ऐसे समय में बिहार के स्थानीय कुम्हारों द्वारा तैयार की गई मिट्टी की बोतलें व घड़े एक बार फिर लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं।गौरतलब हो कि बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा इन पारंपरिक उत्पादों को *खादी मॉल पटना में उपलब्ध कराया गया है।जिससे उपभोक्ताओं को एक स्वदेशी, स्वास्थ्यवर्धक व पर्यावरण के अनुकूल विकल्प मिल रहा है।विदित हो कि
*दीघा व सोनपुर के ग्रामीण क्षेत्रों के कुम्हारों द्वारा पारंपरिक तकनीकों से निर्मित ये मिट्टी की बोतलें न केवल एकल-प्रयोग प्लास्टिक बोतलों* का व्यवहारिक विकल्प प्रस्तुत करती हैं। बल्कि यह पूर्णतः प्राकृतिक, जैविक और पुनः उपयोग योग्य (Reusable)भी हैं।
प्लास्टिक के वर्चस्व वाले इस आधुनिक युग में जब पर्यावरण संकट गहराता जा रहा है। ऐसे में कुम्हारों की ये हस्तनिर्मित उत्पाद टिकाऊ विकल्प के रूप में उभर रही है। इन बोतलों की खासियत है कि ये प्राकृतिक रूप से जल को ठंडा बनाए रखती हैं।वहीं रसायन-मुक्त होती हैं। पारंपरिक भारतीय शिल्पकला की झलक भी प्रस्तुत करती हैं।
मॉल प्रबंधक रमेश चौधरी ने इस संबंध में कहा कि
“खादी मॉल पटना में मिट्टी के ये बोतलों की कीमत मात्र 99 रुपए से शुरू है। जिनमें प्लेन बोतल 99 रुपए व कलर किए हुए बोतल मात्र 110 रुपए में उपलब्ध है। मिट्टी के ये उत्पाद केवल एक पर्यावरणीय समाधान नहीं, बल्कि हमारे आस-पास के ज़िलों व गाँव के शिल्पकारों की प्रतिभा और पारंपरिक कला को सम्मान देने का प्रयास है।इन उत्पादों को अपनाना न केवल स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। बल्कि यह ग्रामीण रोजगार और आत्मनिर्भरता को भी सशक्त करता है।”
**मिट्टी की ये बोतलें व घड़े अब गांधी मैदान स्थित खादी मॉल,पटना में उपलब्ध हैं। ग्राहक प्रतिदिन प्रातः 10:30 बजे से रात्रि 8:30 बजे तक इन स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी कर सकते हैं।

