डॉ. शैलेश सिंह ‘शौर्य’ कलकत्ता में भोजपुरी आलोचना सम्मान से सम्मानित
कोलकाता/जयनगर।
भोजपुरी भाषा के प्रति जागरूक और समर्पित राष्ट्रीय संगठन भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सम्मेलन और सम्मान समारोह का भव्य आयोजन 17 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के रविंद्र भवन रिसड़ा सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम में देशभर के साहित्यकारों, शिक्षाविदों, गीतकारों और कलमकारों ने अपने विचार व्यक्त किए और भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा दिलाने की मांग उठाई।
उक्त समारोह में रामनरेश सिंह एजुकेशनल फाउंडेशन, यूपी के संस्थापक महासचिव और मिथिलांचल के युवा शिक्षाविद डॉ. शैलेश कुमार सिंह ‘शौर्य’ को वर्ष 2024 के भोजपुरी आलोचना सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें उनकी कृति “मेरे राम” और साहित्यिक रुचि के लिए दिया गया। इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में विजय किशोर पांडेय (नेपाल), विशिष्ट अतिथि डॉ. ओमप्रकाश दुबे, वरिष्ठ साहित्यकार रामपुकार सिंह गाजीपुरी और भोजपुरी साहित्य विकास मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. विमलेश त्रिपाठी ने उन्हें अंगवस्त्र, प्रतीक चिन्ह और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया।
डॉ. शैलेश कुमार सिंह ‘शौर्य’ को यह पुरस्कार साहित्य के प्रखर आलोचक स्व. नामवर सिंह की स्मृति में दिया गया। डॉ. शैलेश को इससे पहले भी कई पुरस्कार मिल चुके हैं और यह सम्मान उनके साहित्यिक योगदान को मान्यता प्रदान करता है। इस सम्मान की प्राप्ति पर विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. नंद कुमार, डॉ. अखिलेश श्रीवास्तव, डॉ. अनंतेश्वर यादव, डॉ. स्वीटी सिंह, डॉ. धर्मेंद्र कुमार, डॉ. श्याम कृष्ण और अन्य शिक्षकों ने बधाई दी।
सम्मान ग्रहण करने के बाद डॉ. शैलेश कुमार सिंह ने आयोजक मंडल, विशेष रूप से श्री प्रकाश प्रियांशु का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “इस तरह के साहित्यिक और अकादमिक आयोजनों से भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त होगा। वर्तमान समय में कुछ लोग भोजपुरी के नाम पर सिर्फ अपनी रोटी सेंक रहे हैं, जबकि इस भाषा को असली पहचान दिलाने के लिए उ.बि.प. (उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल) के युवाओं को आगे आना होगा। मैं इस आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए तैयार हूं।”
डॉ. शैलेश ने यह भी याद दिलाया कि 1969 में मधुबनी के पूर्व सांसद स्व. भोगेंद्र झा ने भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव संसद में रखा था, जिसे पूरा करने के लिए अब हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।
समारोह में लोक गायक गुड्डू गुलशन, भोजपुरी सम्राट लाखन सिंह, डॉ. विमलेश त्रिपाठी, महासचिव प्रकाश प्रियांशु, डॉ. विद्यासागर उपाध्याय, डॉ. जमील हसन अंसारी, डॉ. रेखा त्रिपाठी, डॉ. रिंकी उपाध्याय, राष्ट्रीय कवि निडर, प्रिया श्रीवास्तव, संयोजक विनोद यादव सहित कई प्रमुख साहित्यकारों और कवियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।