स्वरोजगार करें, रोजगार दें: महासेठ
पटना:युवाओं को स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के अलावा राज्य सरकार द्वारा संपोषित दूसरी योजनाओं के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षित और वित्तीय रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। जिला उद्योग केंद्र, मधुबनी में बिहार राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरण समारोह में राज्य के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने नए उद्यमियों को उत्साहित किया। इससे पहले उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ, बिहार राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दिलीप कुमार और जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक रमेश कुमार शर्मा ने कार्यक्रम का विधिवत रूप से उद्घाटन किया। बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा प्रायोजित सूत कताई प्रशिक्षण सत्र के 50 प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र और मानदेय की राशि उद्योग मंत्री के कर कमलों से प्रदान किया गया। इन प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन भगवानपुर ग्रामोद्योग सहयोग समिति और मिथिला खादी बुनकर आश्रम द्वारा किया गया। उद्योग मंत्री ने राजीक खादी ग्रामोद्योग संघ द्वारा चलाए जाने वाले तीन माह के सिलाई प्रशिक्षण सत्र के प्रारंभ की घोषणा भी की। उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि सरकारी सहायता प्राप्त कर युवा उद्यमियों को रुक नहीं जाना है। जो राशि ऋण के रूप में प्राप्त हुई है उसे लौटाना है और अपना सिबिल स्कोर मजबूत रखना है।ऋण को लौटा देने से भविष्य में और बड़ा लोन लेने तथा सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत फिर से 8000 नए उद्यमियों का चयन किया है। नव चयनित उद्यमियों का प्रशिक्षण चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में कराया जा रहा है। उद्योग लगाने से लेकर बैंकिंग और टैक्स की व्यवस्था की पूरी जानकारी सभी नए उद्यमियों को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि रोजगार करें और दूसरों को भी रोजगार दें। मधुबनी में रोजगार करने और उद्योग लगाने की अपार संभावनाएं हैं। मधुबनी पेंटिंग, टेराकोटा, लेदर, टेक्सटाइल सहित अनेक क्षेत्रों में नए उद्योग लगाकर लाभ कमाया जा सकता है। बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दिलीप कुमार ने कहा कि चरखा स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक प्रमुख हथियार के रूप में उभरा। वही चरखा अब स्वरोजगार का माध्यम बन गया है और बेरोजगारी को दूर करने का हथियार। कार्यक्रम में जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक रमेश कुमार शर्मा ने सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी सभी उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को दी।