उजाले की सांस्कृतिक सौगात लेकर प्रकट हुई दिवाली

पांच दिनों के पंच महापर्व की आभा से सराबोर हुआ जनमानस

चेतन पाण्डेय
चतरा (गणादेश) : पांच पर्वों का समागम का, अंधकार पर प्रकाश की विजय का, श्री गणेश-लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त का, नए सामानों की खरीदारी के पावन बेला का, देवताओं के प्रति समर्पित होने के अवसर का, पशुओं की सेवा करने की शुभ घड़ी का, भैया दूज के बहाने भाई बहन के प्यार को बांटने के पवित्र त्यौहार का महापर्व दीपावली मंगलवार को भगवान धन्वंतरि की जयंती व धनतेरस पूजा के साथ शुरू हो गई। दीपों का यह त्यौहार अपने साथ अनेक सांस्कृतिक त्योहारों की सौगात लेकर आया है। इस के आगमन की खुशबू की पहचान कर पूरा वातावरण शीतल समीर से भर गया है। अगले पांच दिनों तक सभी दिवाली की रंगीन आभा के बीच शराबोर रहेंगे। महापर्व के पहले दिन गुरुवार को धनतेरस पर जमकर नए-नए सामानों की खरीदारी हुई व यम की दीया जलाए गए। दूसरे दिन बुधवार को छोटी दिवाली पर घर की कुल देवी-देवताओं के प्रति भावनाएं समर्पित की जाएगी। तत्पश्चात महापर्व के तीसरे दिन गुरुवार को दीपावली यानी दीपोत्सव का महाउत्सव मनाया जाएगा। इस दिन कार्तिक अमावस्या की काली अंधेरी रात में जब उजालों का कारवां निकलती है तो ईर्ष्या से हजारों पूर्णिमा की चांदनी रातें घूंघट में छिपा रही होती है। बाजारों का साज श्रृंगार नयी नवेली वधू की श्रृंगार को चुनौती देने लगता है। बच्चे जहां असीम उत्साह से पुलकित हो उठते हैं वहीं आम जनमानस सुख समृद्धि की कामना के लिए धन की अधिष्ठात्री देवी माता लक्ष्मी और विघ्नविनाशक भगवान श्री गणेश के आगे नतमस्तक होकर याचना में लीन हो जाते हैं। पर्व का चौथा दिन गोवर्धन पूजा व अन्नकूट की त्यौहार मनाई जाती है। इस बार अमावस्या तिथि 2 दिन लग जाने के कारण गोवर्धन पूजा रविवार 2 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन गौ माता समेत पालतू पशुओं की जमकर सेवा की जाती है। उनकी विधिवत पूजा होती है और मकई, मरुआ, दाल व चावल का बना हलुवा (पखेवा) खिलाई जाती है। 3 नवंबर दिन रविवार को भाई-बहन का पवित्र त्यौहार भैया दूज मनाया जाएगा। इस दिन पूजा अर्चना के बाद दोनों भाई-बहन एक दूसरे के प्रति समर्पित रहने का संकल्प लेते हैं।

धनतेरस पर जमकर बरसा धन, लोगों ने की खरीदारी

मंगलवार को धनतेरस का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने सूर्यास्त के बाद अपने अपने घरों के दरवाजे पर यम के निमित्त दीपक जलाए और सुख समृद्धि की कामना की। इससे पहले लोगों ने धनतेरस की जमकर खरीदारी की। पत्थलगडा में धनतेरस को लेकर सोने चांदी की दुकानों से लेकर मोबाइल, ऑटोमोबाइल्स शोरूम, बर्तन, झाड़ू-सूप व अन्य सामानों की दुकानों पर लोगों की भीड़ जुटी। लोगों ने अपने मनपसंद की वस्तुएं की जमकर खरीदारी की। यहां धनतेरस को लेकर प्रतिष्ठानों को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। लोगों ने धनतेरस के शुभ अवसर का जमकर लाभ उठाया।

झाड़ू की भी जमकर हुई खरीदारी

धनतेरस के मौके पर मंगलवार को वैसे तो सोना चांदी से लेकर ऑटोमोबाइल्स और बर्तनों की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ उमड़ी। परंतु झाड़ू की खरीदारी सबसे अधिक हुई। मान्यता है कि धनतेरस के दिन झाड़ू की खरीदारी करने से घर में माता लक्ष्मी का आगमन होता है। धनतेरस पर क्या अमीर क्या गरीब सभी झाड़ू की खरीदारी अनिवार्य रूप से करते हैं। इस बार पत्थलगडा में झाड़ू की एक सौ से अधिक अस्थाई दुकानें सजाई गई थी। सुबह से लेकर देर शाम तक झाड़ू के दुकानों पर लोगों की भीड़ लगी रही।

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