प्रत्येक पंचायत में ब्रांड एम्बेस्डर बनाया जाएगा: निदेशक मत्स्य
खूंटी: जिला मत्स्य कार्यालय परिसर में सोमवार को जिला स्तरीय कार्यशाला-सह-मत्स्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन निदेशक मत्स्य, झारखंड रांची, डॉ. एच.एन. द्विवेदी ने दीप प्रज्वलित कर किया। कृषि मंत्री पशुपालन एवं सहकारिता के दिशा-निर्देश के तहत यह कार्यशाला आयोजित की गई। निदेशक ने किसानों को वैज्ञानिक तरीके से मछली पालन अपनाने के लिए प्रेरित किया और कहा कि प्रत्येक पंचायत में मछली पालन को प्रोत्साहित करने के लिए ब्रांड एम्बेस्डर नियुक्त किए जाएंगे। उन्होंने खूँटी जिले को मछली उत्पादन में अव्वल बनाने का लक्ष्य रखा और बताया कि जिले में 23 जलाशयों के 5000 हे. क्षेत्र में मछली पालन की अपार संभावनाएँ हैं।
निदेशक ने बताया कि जिले के लगभग 4500 मत्स्य पालकों का नेशनल फिशरीज डिजीटल प्लेटफॉर्म (NFDP) पर निबंधन करना आवश्यक है ताकि वे मत्स्य विभाग की योजनाओं का लाभ ले सकें। इसके लिए किसान निकटतम प्रज्ञा केन्द्र या CSC सेंटर में निबंधन करा सकते हैं।
कार्यशाला में उप निदेशक मत्स्य, श्री अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य मत्स्य बीज उत्पादन के लिए फीड बैंक की स्थापना करना और किसानों को NFDP, NSPAAD और KCC योजनाओं में निबंधन के लिए प्रेरित करना है। नाबार्ड की जिला विकास प्रबंधक (DDM), श्रीमती शिवानी कुमारी ने किसानों को FFPO के माध्यम से लोन प्राप्त करने और कार्यशील पूँजी जुटाने के बारे में जानकारी दी। सहायक मत्स्य निदेशक, श्रीमती रेवती हाँसदा ने किसानों को अबंदोबस्त तालाबों का उपयोग मछली पालन हेतु करने का सुझाव दिया।
कार्यक्रम में JSLSP के जिला परियोजना समन्वयक, श्री संजय कुमार ने मछली पालन के साथ अन्य कृषि गतिविधियों में सहयोग की जानकारी दी। कार्यक्रम में कई किसानों ने अपने अनुभव साझा किए। श्री विशाल परिधिया (ग्राम जरिया, कर्रा), श्रीमती अंजली कुमारी (तोरपा), श्रीमती गायश्री कुमारी (ग्राम गुटजोरा, रंगीन मछली पालन), श्री लील मोहन बड़ाईक (ग्राम अलौंदी, मत्स्य बीज उत्पादक), श्रीमती अनिशा संगा (ग्राम डुमरगड़ी, कर्रा), श्री प्रेमानंद मछुवा (ग्राम सिन्दरी, अड़की) समेत अन्य किसानों ने सरकारी तालाबों के जीर्णोद्धार और नए नर्सरी तालाबों के निर्माण के प्रस्ताव प्रस्तुत किए।
उल्लेखनीय है कि जिले में 100 से अधिक केज स्थापित किए गए हैं, जिससे मछली उत्पादन में वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष जिले का कुल मछली उत्पादन 5700 मीट्रिक टन रहा। विभागीय योजनाओं के मार्गदर्शन में तालाब निर्माण और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर जोर दिया गया। कार्यक्रम में 200 से अधिक किसान और जिला मत्स्य कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।