खूंटी के कर्रा में बने मनरेगा पार्क में हुए करोड़ों रूपये खर्च की उच्चस्तरीय जांच की मांग,पॉलटिकल नेता दिलीप मिश्रा ने सीएम और सीएस को लिखा पत्र


खूंटी : जिले के कर्रा प्रखंड अंतर्गत लोयेकेल गांव में बने मनरेगा पार्क में हुए करोड़ों रुपए खर्च की उच्च स्तरीय जांच की मांग जिले के पॉलटिकल नेता दिलीप मिश्रा ने की है. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मुख्यसचिव को पत्र प्रेषित किया है.


दिलीप मिश्रा ने कहा है कि स्थानीय प्रशासन ने मनरेगा पार्क में तरह-तरह की योजना स्वीकृत कर करोड़ों रूपये का बंदरबांट किया है.करोड़ों रूपये खर्च होने के बाद भी आसपास के ग्रामीणों को इस पार्क से कोई लाभ मिलने वाला नहीं है,इसकी जाँच होनी चाहिए।
यह पार्क लगभग 20 एकड़ जमीन में बनाया जा रहा है.इस जगह पर प[पहले से दो तालाब है.भूमि संरक्षण विभाग ने 25 -30 लाख की लगता से दो बड़ा तालाब बनवाया है.जबकि दो तलाब पहले से है फिर 2 तालाबों का निर्माण करना न्यायोचित नहीं है. कैसे एक ही जगह पर दो तालाबों का निर्माण भूमि संरक्षण विभाग द्वारा कराया गया, यह जांच का विषय है. एक तालाब में पानीभरा है फिर भी जिला प्रशासन द्वारा उसमे मिट्टी भरवाया गया है.
कर्रा मनरेगा पार्क में पहले से बनाये गए गाय शेड,बकरी शेड,किसान पाठशाला शेड जो करीब दस लाख रूपये लागत से और गाय शेड 9.5 लाख की लागत से निर्माण हुआ है. यही नहीं मनरेगा पार्क का निर्माण बहार के मजदूरों से कराया गया है.इसकी भी जांच होनी चाहिए।
श्री मिश्रा ने कहा कि कर्रा मनरेगा पार्क दुधारू गाय है.जिसमे करोड़ों रूपये खर्च किया गया है.
मनरेगा का तो सिर्फ नाम है,खूंटी जिला प्रशासन ने अपने चाहते एनजीओ और ठेकेदारों को लाभ पहुँचाने के लिए करोड़ों रूपये का बंदरबांट किया गया है। इसमें संलिप्त भ्र्ष्ट पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग किया गया है.

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