स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्यों का उचित पर्यवेक्षण करने की डीसी ने दिया निर्देश
खूंटी: उपायुक्त लोकेश मिश्रा की अध्यक्षता में एन.जी.ओ से सम्बंधित बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में जिले में कार्यरत विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल थे। मौके पर उक्त संस्थाओं द्वारा संचालित विविध योजनाओं, उनके कार्य क्षेत्र की जानकारी प्राप्त की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उपायुक्त द्वारा निर्देशित किया गया कि सभी एन. जी.ओ द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों की समुचित जानकारी व रिपोर्ट जिले के विकास शाखा में उपलब्ध कराएं। साथ ही उन्होंने निर्देश दिये कि जिले अंतर्गत कार्यरत सभी एन. जी. ओ को अगले सात दिनों के अंदर कार्य की पूर्ण विवरणी उपलब्ध करानी है। इस दौरान उनके द्वारा सभी संचालित कार्यों को उचित आकलन के पश्चात ही संचालन की अनुमति दी जाएगी।
कोई भी एन. जी. ओ सरकारी सहायता या फंडिंग एजेंसी की पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराए बिना कार्य नहीं करेंगे।
जिले में कार्यरत किसी भी स्वयंसेवी संस्था को अपनी योजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर विकास शाखा से उचित समन्वय स्थापित करना आवश्यक है।
बैठक के दौरान सिनी संस्थान द्वारा बताया गया कि बाल संरक्षण से सम्बंधित कल्याणकारी प्रयास जारी है। साथ ही बच्चों के विकास के लिए भी जिला समाज कल्याण विभाग के साथ मिलकर बेहतर कार्य किये जा रहे हैं। जेजेवाई के तहत कार्य कर रहे गायत्री सेवा संस्थान, प्रवाह, प्रदान व अन्य संस्थाओं से जानकारी ली गई।
इसके साथ ही प्रदान, लिड्स, एनबीजेके, वन जीवन, पिरामल, महिला विकास व अन्य एन. जी.ओ द्वारा शिक्षा व कृषि सम्बन्धित किये गए कार्यों की जानकारियां साझा की गई।
प्रदान के द्वारा खूंटी, मुरहू, अड़की एवं रनिया प्रखण्ड में FPO प्रोमोशन योजना के अंतर्गत चल रहे गतिविधि की प्रगति के सम्बंध में जानकारी दी गयी।
उपायुक्त द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षक को निर्देश दिया गया कि विद्यालयों में एन. जी. ओ द्वारा किए जा रहे कार्यों की उचित रूप से जांच की जाय। सभी कार्यरत एन. जी. ओ को आधिकारिक अनुमति पर ही कार्य करना अनिवार्य है।
बैठक के दौरान फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (FPOs) के कार्यों व FPO के गठन के सम्बंध में विस्तृत चर्चा की गई। जिले में संचालित FPO के विकास व कार्यकलापों के सम्बंध में जानकारी ली गयी।
मौके पर उपायुक्त द्वारा बताया गया कि कृषि, स्वास्थ्य व ग्रामीण विकास के क्षेत्र में बेहतर कार्यों के लिए सभी का संयुक्त प्रयास महत्वपूर्ण है। विशेषकर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति में योगदान किया जा सकता है। उपायुक्त द्वारा संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जिले के प्रखंडो में एन. जी.ओ द्वारा किये जा रहे कार्यों का पर्यवेक्षण किया जाय।