डायन प्रथा के उन्मूलन को ले डीसी ने जागरुकता रथ को किया रवाना

रांची: जिला में डायन कुप्रथा उन्मूलन के लिए समाहरणालय परिसर से जागरुकता रथ को उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती, संबंधित सीडीपीओ एवं अन्य कर्मी उपस्थित थे।
महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, झारखंड सरकार के निदेश पर जिला प्रशासन (जिला समाज कल्याण कार्यालय, रांची) की ओर से रवाना जागरुकता रथ के माध्यम से डायन कुप्रथा उन्मूलन हेतु लोगों को जागरूक किया जाएगा। जिला के सभी प्रखंडों, प्रमुख चौक-चौराहों एवं हाट-बाजारों में जागरुकता रथ द्वारा ऑडियो के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा।
उपायुक्त ने कहा कि जिले में डायन अधिनियम 2001 के तहत डायन कुप्रथा को जड़ से समाप्त करने के दृष्टिकोण से जागरुकता रथ को रवाना किया गया है। उन्होंने कहा कि जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रथ के माध्यम से लोगों को डायन अधिनियम 2001 की जानकारी देकर डायन कुप्रथा के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जायेगा। उपायुक्त ने कहा कि आपसी सहयोग एवं जागरूकता से इस बुराई को समूल नष्ट करने में जिला प्रशासन का साथ दें, डायन कुप्रथा से जुड़े किसी मामले की जानकारी अपने निकटतम थाने में दें।
किसी महिला को डायन के रूप में पहचान करने वाले तथा उस पहचान के प्रति अपने किसी भी कार्य, शब्द या रीति से कार्रवाई करने वाले को अधिकतम तीन महीने तक कारावास की सजा अथवा एक हजार रूपये जुर्माना अथवा दोनों सजा का प्रावधान है।
किसी महिला को डायन के रूप में पहचान कर उसे शारीरिक या मानसिक यातना जानबूझकर या अन्यथा प्रताड़ित करने पर छः माह की अवधि के लिए कारावास की सजा अथवा दो हजार रूपये तक जुर्माने अथवा दोनों सजा से दंडित करने का प्रावधान है।
किसी महिला को डायन के रूप में पहचान करने के लिए साक्ष्य या अनवधता से अन्य व्यक्ति अथवा समाज के लोगों को उकसाने या षडयंत्र रचने या सहयोग करने की स्थिति में तीन महीने तक का कारावास अथवा एक हजार रूपये तक के जुर्माने अथवा दोनों सजा से दण्डित करने का प्रावधान है।
डायन के रूप में पहचान की गई महिला को शारीरिक या मानसिक हानि पहुँचाकर अथवा प्रताड़ित कर झाड़-फूंक या टोटका द्वारा उपचार करने वाले को एक साल तक के कारावास की सजा अथवा दो हजार रूपये तक का जुर्माना अथवा दोनों सजा का प्रावधान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *