सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने का डीसी का निर्देश

खूंटी: जिला समाहरणालय के सभागार में उपायुक्त लोकेश मिश्रा की अध्यक्षता में महिला लखपति किसान योजना से संबंधित बैठक हुई। बैठक में पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से महिला लखपति किसान के उद्देश्यों एवं कार्य योजना के संबंध में बताया गया।
इस योजना के तहत जिले के सभी विभागों एवं जेएसएलपीएस के साथ सर्वे कर कन्वर्जेंस के माध्यम से कार्य किया जाना है।
मौके पर बताया गया की जिले का कर्रा ब्लॉक इसमें रिसोर्स ब्लॉक के रूप में चयनित है। कर्रा ब्लॉक में उचित क्रियान्वयन के साथ ही अन्य प्रखंडों में भी इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि इससे संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाय। साथ ही सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें।
महिला लखपति किसान योजना के सफल संचालन के लिए जिला स्तर पर जेएसएलपीएस को नोडल विभाग बनाया गया है। विभाग के द्वारा सर्वे कार्य करते हुए अन्य विभागों को पूर्ण डाटा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
बैठक में एसएचजी परिवारों के लिए स्थायी आजीविका को बढ़ावा देने की रणनीति को लेकर विभिन्न बिंदुओं जैसे संस्थान निर्माण और वित्तीय समावेशन पर चर्चा की गई।
साथ ही डीपीएम ,जेएसएलपीएस ने बताया कि इसमें पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरुआत लोधमा पंचायत में की जा रही है। साथ ही पंचायत में आजीविका संवर्धन की विभिन्न गतिविधियों का क्रियान्वयन सफलता पूर्वक किए जाने के निर्देश दिए गए। साथ ही संबंधित पंचायत में बेकरी यूनिट के संचालन को लेकर चर्चा की गई।
चर्चा के दौरान विस्तार से विभिन्न विभागों के कार्यों पर विचार – विमर्श किया गया।
आजीविका गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में उद्योग, कृषि और गैर-कृषि, कौशल, उद्यम को बढ़ावा देना। विभिन्न क्षेत्रों में ग्राम समृद्धि और आजीविका विकल्पों का विस्तार करना।
निजी क्षेत्र की भागीदारी – स्टार्ट-अप, एफपीओ, एनजीओ, ग्रामीण उद्यम केंद्र के साथ साझेदारी करना।
इसके अतिरिक्त माइक्रो क्रेडिट योजना, वित्तीय समावेशन , बैंक लिंकेज, महिला उद्यम त्वरण निधि (क्रेडिट गारंटी, नवाचार), कृषि आजीविका, एकीकृत कृषि क्लस्टर (आईएफसी) के तहत किए जाने वाले कार्यों पर चर्चा की गई।
बैठक के दौरान बताया गया कि चरणबद्ध रूप से कार्य किए जाने हैं। इसमें विभिन्न विभागों के स्तर से की जाने वाली गतिविधियों के संबंध में चर्चा की गई।
मनरेगा के तहत किसानों के लिए दीदी बाड़ी योजना, योग्य लाभुकों को जॉब कार्ड से संतृप्त कर 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराना।
छोटे पशुपालकों के लिए गाय, बकरी, सुअर पालन शेड
कृषि विभाग के माध्यम से – बड़े किसानों के लिए ड्रिप सिंचाई, सब्जी नर्सरी के लिए उच्च मूल्य वाली कृषि पॉली हाउस पर प्रशिक्षण, कृषि उपकरण, सोलर पंप सेट एवं लिफ्ट सिंचाई प्रणाली।
पशुपालन विभाग के माध्यम से – योजनाओं के तहत गाय, बकरी, सुअर, बत्तख का वितरण।
मत्स्य पालन विभाग के माध्यम से- मछली पालन प्रशिक्षण और सरकारी अनुदान पर मछली फिंगरलिंग प्रदान करना।
लघु उद्योग विभाग के माध्यम से- टमाटर केचप, आलू के चिप्स और मसाला इकाई पर समर्थन, बाजरा मूल्य संस्करण और इकाई पर समर्थन।
इसके अतिरिक्त उच्च मूल्य कृषि एवं उन्नत कृषि गतिविधियों को लेकर किए जाने वाले कार्यों के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई।

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