डीसी ने की शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा, अभियान चालकर बच्चों को विद्यालयों से जोड़ने का निर्देश  

खूंटी : जिले में शिक्षा व्यवस्था को और भी बेहतर करने के लिए बुधवार को डीसी शशि रंजन ने संबंधित पदाधिकारियों के साथ बैठक की. जिले के सभी क्षेत्र शिक्षा प्रसार, प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, सहायक शिक्षक एवं सरस्वती वाहिनी संचालन समिति के सभी सदस्यों को उचित रूप से योजना का क्रियान्वयन करने के लिए निर्देश दिया. साथ ही विशेष मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना में लक्ष्य के अनुरूप ससमयविद्यार्थियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए। सभी विद्यालयों में पेयजल व शौचालय की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने पर  सभी विद्यालयों, पंचायत भवन व आंगनबाड़ी केंद्रों के शौचालयों में स्वच्छता का विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया।

बैठक में डीसी ने कहा कि वर्तमान समय की आवश्यकता है कि हम सब मिलकर सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के सार्थक प्रयास करें। ई विद्या वाहिनी में शत-प्रतिशत एंट्री पूर्ण करने की जरुरत है।  वित्तीय वर्ष 2021-22 में मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना (कक्षा1 से 12) में 97 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति की गई है। पोशाक वितरण एवं पाठ्य पुस्तक वितरण (छात्राओं के लिए कक्षा 9 से 12) में शत-प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति की गई है।

विद्यालयों में जिला प्रशासन द्वारा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ कर उचित शिक्षण व्यवस्था, खेल-कूद, तकनीकी सुविधाएं यथा स्मार्ट क्लास, आधारभूत संरचना को सुदृढ़ कर विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराई जाय। उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के अकादमिक सफलता के साथ-साथ इनका विकास सुनिश्चित कर इन्हें उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर करना हमारा मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने जिला शिक्षा अधीक्षक को निर्देशित किया कि मध्यान भोजन, पाठ्य पुस्तक वितरण, पोशाक वितरण, विद्यालय प्रबंधन, शिक्षकों का प्रशिक्षण, उत्कृष्ट विद्यालय, पेंशन, आधारभूतब संरचना, कम्प्यूटर व टैब लैब एवं देलाबु इसकुल तेबुआ 1.0 के कार्यों की समीक्षा सम्बन्धित विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। उन्होंने निर्देश दिए कि देलाबु इसकुल तेबुआ के तहत जिले भर में अभियान चलाकर बच्चों को विद्यालयों से जोड़ा जाएगा।

जिले के विद्यालयों की आधारभूत सुविधाओं यथा बिजली, पेयजल, शौचालय आदि की स्थिति की विस्तृत जानकारियां ली गयी, साथ ही अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए। साथ ही पोषाक वितरण की समीक्षा की।

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