कोरोना अभी तक पूरी तरह गया नहीं, अधिकारी रहें सतर्क : पीएम मोदी
नई दिल्ली : पिछले दो हफ्ते में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्च स्तरीय बैठक में हालात की समीक्षा और अधिकारियों को सतर्क और तैयार रहने का निर्देश दिया। पीएम ने कहा कि कोरोना अभी तक पूरी तरह गया नहीं है और इसपर पैनी नजर बनाए रखना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने देश में इनफ्लुएंजा के बढ़ते मामलों और उसके इलाज के लिए जरूरी दवाइयों की उपलब्धता का भी जायजा लिया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार उच्च स्तरीय बैठक में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कोरोना की ताजा स्थिति पर प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि पिछले दो हफ्ते से कोरोना के मामले में मामूली बढ़ोतरी देखी जा रही है, लेकिन अब भी साप्ताहिक संक्रमण दर एक फीसद से नीचे (0.98 फीसद) है। इसी तरह औसत प्रतिदिन मामलों की संख्या 888 है। जबकि पूरी दुनिया में औसतन हर दिन एक लाख आठ हजार मामले सामने आ रहे हैं।
समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री को उनके निर्देशानुसार उठाये गए कदमों की भी जानकारी दी। इसके तहत जरूरी दवाइयों की उपलब्धता और अस्पतालों में किया गया माक ड्रील शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि भले ही कोरोना के मामले कम दिख रहे हों, लेकिन अभी भी यह पूरी तरह नहीं गया है। कोरोना रूप बदलकर कभी भी आ सकता है।
कोविड उचित व्यवहार की रणनीति बनाए रखने का निर्देश
पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई दूसरे देशों की तुलना में सफल रही है और इसे आगे भी जारी रखना होगा। इसके लिए उन्होंने सर्दी-जुकाम के मामलों में अधिक से अधिक कोरोना टेस्ट और कोरोना पोजेटिव मामलों की जिनोम सिक्वेसिंग सुनिश्चित करने को कहा ताकि कोरोना के बदलते स्वरूप और उसकी संक्रामकता पर नजर रखी जा सके। इसके साथ ही उन्होंने दवाओं की उपलब्धता और कोरोना के इलाज के लिए तैयार आधारभूत संरचना की समय-समय पर जांच जारी रखने की जरूरत बताई।
टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीका आज भी कारगर
पीएम मोदी ने कहा कि टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीका और कोरोना उचित व्यवहार इस लड़ाई में आज भी कारगर है और इसके लिए जनता को जागरुक किया जाना चाहिए। उन्होंने इंफ्लुएंजा के मामले में भी राज्यों के सहयोग से कड़ी निगरानी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
इस उच्च स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा, केबिनेट सचिव राजीव गौबा, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पीके मिश्र, नीति आयोग के सदस्य डाक्टर वीके पाल और स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के अलावा फार्मा, बायोटेक्नोलाजी विभाग के सचिव और आइसीएमआर के डीजी भी मौजूद थे।