12 मई का राशिफल और और पंचांग

मेष: इस राशि के लोग ऐसे मामलो में बहुत ही नकचढ़े प्रतीत हो सकते हैं जो परिवार के किसी सदस्य की शादी से जुड़ा हो. हालांकि इस दौरान वे दूसरों को समझाने में सक्षम होंगे.

वृष : वृष राशि के लोग आज ऑफिस से जुड़े मुद्दों में निराशा से खुद को बचाने में सफल हो सकते हैं. संभव है कि आज उन्हें दूसरों से प्रशंसा और सम्मान मिले.

मिथुन : मिथुन राशि के लोग आज पाएंगे कि उनके धन संबंधी मामले काफी हद तक खुद से ही स्थिर हो रहे हैं. वे भविष्य के लिए निवेश के बारे में सोच सकते हैं.

कर्क : कर्क राशि के लोगों को अपने रिलेशनशिप में एक नई शुरुआत करने की आवश्यकता हो सकती है. उन्हें अपने मतभेदों को तत्काल सुलझाने की जरूरत है.

सिंह : सिंह राशि के लोगों को अतीत में बचत न करने का पछतावा होगा, क्योंकि वे आज समस्याओं का सामना कर रहे हैं. याद रखें, देर से शुरू करना इससे बेहतर है कि शुरुआत ही ना की जाए.

कन्या : कन्या राशि के लोग अपने खान-पान में कुछ बदलाव कर सकते हैं जो उनके लिए भविष्य में सकारात्मक परिणाम दे सकता है. वे अपनी आदतों को सुधारना चाहते हैं.

तुला : तुला राशि के लोग अपने कौशल और प्रतिभा के जरिये दूसरे लोगो को प्रभावित करने में सफल होंगे. वे आज ऑफिस के काम को ले कर बहुत व्यवस्थित रहेंगे.

वृश्चिक : वृश्चिक राशि के लोग आज बहुत हद तक अपने मूड स्विंग से परेशान रहेंगे. वे उम्मीद कर सकते हैं कि उनके पास एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य आएगा.

धनु : धनु राशि वालों को परिवार में किसी युवा सदस्य द्वारा की गई उपलब्धियों पर गर्व होगा. उन्हें वह मदद मिलेगी जिसकी वे लंबे समय से तलाश कर रहे थे.

मकर : मकर राशि के लोग किसी ऐसे व्यक्ति से मिलेंगे जिनकी विचारधारा उन्हें अपने सोच के अनुकूल लगेगी. वे अपनों के साथ एक बेहतर समझ बनाने में सक्षम होंगे.

कुंभ : कुंभ राशि के लोग किसी ऐसी जगह शिफ्ट होने की सोचेंगे जहां बेहतर माहौल हो. वे खाने की अच्छी आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं.

मीन : मीन राशि के लोग अब आर्थिक रूप से काफी बेहतर स्थिति में होंगे. वे नौकरी संबंधी यात्रा को हर संभव हद्द तक टालना चाहेंगे.

~ आज का पंचांग ~ 🌞ll
⛅दिनांक 12 मई 2022
⛅दिन – गुरुवार
⛅विक्रम संवत – 2079
⛅शक संवत – 1944
⛅अयन – उत्तरायण
⛅ऋतु – ग्रीष्म
⛅मास – वैशाख
⛅पक्ष – शुक्ल
⛅तिथि – एकादशी शाम 06:51 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी शाम 07:30 तक तत्पश्चात हस्त
⛅योग – हर्षण रात्रि 05:51 तक तत्पश्चात वज्र
⛅राहुकाल – अपरान्ह 2:15 से 03:54 तक
⛅सूर्योदय – 05:16
⛅सूर्यास्त – 06:19
⛅दिशाशूल – उत्तर दिशा में
⛅ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 04:34 से 05:17 तक
⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12.14 से 12:57 तक
⛅व्रत पर्व विवरण- मोहिनी एकादशी
⛅ विशेष – एकादशी के दिन चावल, साबुदाना, शिम्बी ( सेम ) खाना निषेध ।

🌹मोहिनी एकादशी 12 मई 2022🌹
🔅मोहिनी एकादशी 11 मई शाम 07:32 से 12 मई शाम 06:51 तक। व्रत उपवास 12 मई गुरुवार को रखें।

🔷एकदाशी टिप्स🔷

👉1.एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें; नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करे |

👉2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें , विष्णु सहस्रनाम पाठ करें |

👉3.ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जाप करना चाहिये |

👉4.चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए , यथा संभव मौन रहें |

👉5.एकदाशी के दिन भूल कर भी चावल नही खाना चाहिए न ही किसी को खिलाये | इसी दिन फलआहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक |

👉6.व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) -इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) – इनका सेवन न करें ।

👉7.फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।

👉8.जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए |

👉9.भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।

👉10.एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें, इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है |

👉11.इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।

👉12.एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1बज तक) |

👉13.श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता । 

👉14.इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।

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