भाजपा के साथ “तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा” वाली कहावत चरितार्थ होगी: कांग्रेस

रांची: झारखंड में भाजपा के साथ “तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा” वाली कहावत चरितार्थ होगी।भाजपा पर उक्त टिप्पणी करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने हिमंता बिस्वा सरमा, शिवराज सिंह चौहान और लक्ष्मीकांत वाजपेई को उनके केंद्रीय नेतृत्व ने डूब रही भाजपा की नैया को पर लगाने के लिए भेजा था,लेकिन यह पूरी तरह से झारखंड में भाजपा को डूबो देंगे। वैसे भी कहावत है जो इन पर पूरी तरह फिट बैठता है “तीन तिगाड़ा काम बिगाड़”।उन्होंने कहा कि जिस तरह से यह पूरे झारखंड में घूम-घूम कर जनता के बीच धर्मांधता का बीज बोने की कोशिश कर रहे हैं उसे जनता परिचित है और उनकी कोई कुटील चाल यहां सफल नहीं होने वाली है।
श्री शांति ने कहा कि देश में एक दशक से भी ज्यादा समय से आम जनगणना नहीं हुई लेकिन फर्जी आंकड़ों के सहारे आदिवासी- मुस्लिम के बीच तनाव पैदा करने के लिए संथाल परगना के डेमोग्राफी मे बदलाव की बात करते हैं। हिमंता बिस्वा सरमा को बताना चाहिए कि इस मामले में उन्होंने असम में क्या किया है। उन्हें देश के गृह मंत्री से पूछना चाहिए कि देश की सीमाएं अगर सुरक्षित है तो घुसपैठ कैसे हो रही है।बाढ़ से जूझ रही असम की जनता को राहत पहुंचाने की बजाय झारखंड में आग लगाने की कोशिश बंद करें। लोकसभा चुनाव में हिंदू- मुस्लिम के बीच नफरती माहौल बनाने में भाजपा नाकाम रही थी और अपनी आदत के अनुसार झारखंड में धार्मिक तनाव बनाने का प्रयास कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान देश के कृषि मंत्री हैं लेकिन उन्होंने आंदोलनरत किसानो की मांगों के संबंध में एक शब्द भी नहीं बोला है। आदिवासियों के हितों की बात करने से पहले उन्हें यह भी सोचना चाहिए कि झारखंड में लाखों आदिवासी परिवार किसान वर्ग से आते हैं अगर आदिवासी समुदाय की इतनी ही चिंता है तो भाजपा को सरना धर्म कोड के बारे में गोल मटोल बातें छोड़कर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। पिछड़ों के आरक्षण को झारखंड में भाजपा सरकार ने क्यों घटाया और जातिगत जनगणना कराने में भाजपा को क्या परेशानी है, इसका जवाब जनता जानना चाहती है। हवा हवाई की बातों और आरोपो से झारखंडी मानुष भड़कने वाला नहीं है वह जमीनी हकीकत जानता है। मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले के गवाहों की हुई संदिग्ध मौत के बारे में इनका क्या ख्याल है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री चंपई सोरेन के हटने के संबंध में सवाल करने वाले शिवराज सिंह चौहान से झारखंड की जनता जानना चाहती है कि अगर वो मध्यप्रदेश में सफल मुख्यमंत्री थे तो इन्हें पुनः प्रदेश में मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया गया।

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