पिछड़ा समाज की उन्नति कांग्रेस को पसंद नहीं:आदित्य साहू
रांची: भाजपा प्रदेश महामंत्री एवम सांसद आदित्य साहू ने कांग्रेस पार्टी पर कड़ा प्रहार किया।
श्री साहू मोदी जाति पर राहुल गांधी द्वारा बोले गए अपमानजनक और शब्दों और उसके कारण राहुल गांधी को न्यायालय द्वारा सुनाई गई सजा पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया के बाद कांग्रेस को आड़े हाथों लिया।
श्री साहू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को पिछड़ा समाज की उन्नति,प्रगति,उसका आगे बढ़ना बर्दाश्त नहीं है। गरीबी में पला बढ़ा पिछड़ा समाज का एक चाय बेचने वाला का बेटा प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करे यह कांग्रेस देख नही पा रही।
उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी ने चार साल पहले पिछड़ा समाज के खिलाफ सार्वजनिक रूप से जो अपमानजनक बातें की थी, उस संदर्भ में अदालत ने आज उन्हें जो सजा सुनाई है, यह दर्शाता है कि देश का क़ानून और देश का संविधान सबसे ऊपर है और उसकी नजर में देश के सभी नागरिक समान हैं। अदालत का निर्णय यह भी सिद्ध करता है कि चाहे कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो, यदि उसने अपराध किया है तो उसे सजा जरूर मिलेगी।
राहुल गाँधी ने मोदी समाज के बारे में जो अनर्गल और आपत्तिजनक बातें की थी, उसकी पार्टी ने तब भी निंदा की थी, आज भी निंदा कर रहे हैं। लेकिन, अदालत द्वारा सजा सुनाने के बावजूद जिस तरह से राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी के नेता उन अपमानजनक बातों को सही ठहरा रहे हैं, वह बताने के लिए काफी है कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं की मंशा क्या है और तेली समाज सहित सभी ओबीसी समाज के बारे में उनकी सोच क्या है। राहुल गाँधी अभी भी राजशाही सोच से बाहर नहीं निकले हैं?
कहा कि पिछड़ा समाज के खिलाफ देश के एक बड़े नेता का ऐसा निंदनीय बोलना उन्हें शोभा देता है? क्या यह देश के संविधान का अपमान नहीं है? क्या यह आत्मसम्मान के साथ जीने वाले लोगों का अपमान नहीं है? क्या राहुल गाँधी देश से और देश के संविधान से इतने बड़े हो गए हैं कि किसी समुदाय विशेष को गाली देने का उन्हें अधिकार मिल गया है? माफी मांगना तो दूर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कांग्रेस के तमाम नेता जिस तरह से इसे सही ठहराने में जुटे हुए हैं, इससे यह सिद्ध होता है कि वे अपमान करने को ही अपना नैतिक धर्म समझते हैं।
कहा कि राहुल गाँधी ये मानना छोड़ दें कि वह और उनका परिवार देश से ऊपर है। यदि राहुल गाँधी और देश की जनता को लगता है कि वे देश के संविधान और देश के क़ानून से ऊपर हैं तो ये उनकी भूल है। राहुल गाँधी जी और कांग्रेस के नेता यदि मानते हैं कि वे अपने ही देश के नागरिक को अपशब्द कह सकते हैं तो किसी को भी देश के संविधान ने अपने सम्मान की रक्षा किए कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का अधिकार दिया है।