विश्व आदिवासी दिवस पर जनजातीय महोत्सव में बोले सीएम हेमंत सोरेन, जानवर बचाओं जंगल बचाओं सब बोलते हैं,आदिवासी बचाओं कोई नहीं बोलताफोटो :–
रांची : विश्व आदिवासी दिवस पर राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में दो दिवसीय जनजातीय महोत्सव का मंगलवार को आगाज हो गया. महोत्सव का उद्घाटन झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन और सीएम हेमंत सोरेन ने संयुक्त रूप दीप जला कर किया। मौके पर सीएम ने कहा कि जानवर बचाओं जंगल बचाओं सब बोलते हैं. लेकिन आदिवासी बचाओं कोई नहीं बोलता। आदिवासी बचेगा तो जानवर भी बचेंगे और जंगल भी सुरक्षित रहेगा।
उन्होंने कहा कि इस उत्सव को हमारी सरकार ने एक महोत्सव के रूप में लिया है.आदिवासी के रूप में हमारी पहचान है और यही हमारी सच्चाई भी है. जनजातीय महोत्सव पहली बार राज्य में आयोजित हो रहा है लेकिन.अब आने वाला हर साल में जनजातीय महोत्सव मनाया जायेगा. आज आदिवासी समाज के सामने अपनी पहचान को लेकर कई संकट है. भाषा, संस्कृति के कारण हमलोगों को आदिवासी माना गया है. हम आदिवासियों के लिए अपनी जमीन, अपनी भाषा बहुत महत्वपूर्ण है. हिन्दू संस्कृति के लिए हम असुर आदिवासी ही है. बहुसंख्यक सस्कृति घृणा का भाव लिखा गया है. मूर्त्तियों के माध्यम से द्वेष दर्शाया गया है. उसका बचाव कैसे होगा इसपर हमें सोचना होगा. घनबल होता तो जैन- पारसी जैसे हम अपनी संस्कृति को बचा पाते।
सीएम ने कहा कि सबकी नजर हमारी जमीन पर है. हमारी जमीन पर खनिज सम्पदा है. हमारे पर सबकुछ होते हुए भी कुछ भी नहीं है.,क्योकि हमारे पर धनबल नहीं है.आज जरूत हैं आदिवासी समुदाय एक स्वाभिमानी होता है. यह किसी से भीख नहीं मांगता है. हम उस कौम के लोग हैं जो गुरु की तश्वीर से हुनर सीख लेते हैं. हम सामने से वार करन वाले लोग हैं और सीने पर वार झलने वाले लोग हैं. उन्होंने कहा कि जिस जंगल जमीन को हमारे पूर्वजों से संजोने का काम किया, आज उसे लूटने का काम किया जा रहा है. हमारे पास जो भी है वह शहीदों के कारण है. बिरसा मुंडा, सिदो -कान्हू फूलों झानो जैसे हमारे महापुरुषों ने आदिवासी संस्कृति की रक्षा की है. हमारा लक्ष्य एक होना चाहिए.
सीएम ने कहा कि हमारे युवक हुनरमंद होने के बाद भी मजदूरी करने पर विवश हैं.लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। वन अधिकार पट्टे को लागू करेंगे. जनजातीय समाज के कल्याण के लिए कई योजनाओं को शुरू किया जायेगा. महाजनों से लिया गया कर्ज अब आपको वापस करना नहीं होगा. शिकायत मिलने पर महाजनों पर कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए कानून बनाया जायेगा.सीएम ने कहा कि आदिवासी परिवार में किसी भी की मृत्यु होने पर सामूहिक भोज के लिए सम्बंधित परिवार को सौ किलो चावल और दस किलो दाल मुफ्त दिया जायेगा. अब उसे महाजनों से कर्ज नहीं लेना पड़ेगा.
वहीं झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने कहा कि आदिवासियों को अपने अधिकार के लिए जागरूक होना पड़ेगा। साथ ही कहा कि राज्य में अब से हर साल जनजातीय महोत्सव का आयोजन किया जायेगा.
महोत्सव में सचिव केके सोन ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का सीएम हेमंत सोरेन के नाम सन्देश को पढ़कर सुनाया। वहीं झारखण्ड के कलाकारों द्वारा एक से बढ़कर एक नृत्य-संगीत प्रस्तुत किया गया. महोत्सव में स्टॉल भी लगाए गए थे. सीएम हेमंत सोरेन और शिबू सोरेन ने निरिक्षण किया। इस मौके पर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो,जोबा मांझी,महुआ माजी,डीजीपी नीरज सिन्हा,मुख्य सचिव सुखदेव भगत,विनय चोबे, केके सोन सहित कई लोग थे.