छठ महापर्व में शामिल हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, श्रद्धालुओं के साथ दिया अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य

रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अपनी धर्मपत्नी कल्पना सोरेन एवं दोनों बेटे के साथ छठ व्रतियों के बीच पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य देकर आस्था के महापर्व छठी मैया की पूजा की। मुख्यमंत्री ने भगवान भास्कर से झारखंडवासियों की सुख, समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा। मुख्यमंत्री सपरिवार रांची के नक्षत्र वन स्थित हटनिया तालाब पहुंचे तथा सैकड़ों व्रतियों के बीच छठ पूजा में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महापर्व सूर्य भगवान की आराधना के लिए जाना जाता है। छठ महापर्व प्रकृति की पूजा का प्रतीक है। प्रकृति पर आस्था और उससे जुड़ाव भारतीय संस्कृति की परंपरा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी माताएं-बहने 72 घंटे का व्रत रखकर भगवान भास्कर की आराधना करती हैं। यह हजारों साल पुरानी अद्भुत परंपरा है। यह समर्पण, सात्विकता, आस्था और स्वच्छता का एक बड़ा उदाहरण है। मैं इस परंपरा को शीश झुका कर नमन करता हूं।  मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने राज्यवासियों को महापर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छठी मैया से प्रार्थना है कि सभी सुखी हो, सब निरोगी रहें, छठी मैया सबका मंगल और कल्याण करें।

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कल्पना सोरेन ने हटनिया तालाब में डिप्टीपाड़ा निवासी छठ व्रती श्री विनोद कुमार वर्मा एवं दीनदयाल नगर निवासी छठ व्रती श्री शिवनारायण राम के परिजनों के साथ अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर अपनी श्रद्धा अर्पित की।  मालूम हो कि छठ व्रती श्री विनोद कुमार वर्मा कचहरी चौक स्थित राजस्थान कालेवालय के बगल में पान की दुकान चलाते हैं वहीं श्री शिवनारायण राम पथ निर्माण विभाग में दर्जी का काम करते हैं।

*कोरोना संक्रमण से मिली राहत ने बढ़ाया महापर्व का उत्साह*

मुख्यमंत्री ने कहा कि छठ महापर्व के अवसर पर हर तरफ भक्ति का रंग कुछ अलग ही दिखाई पड़ा। कोरोना महामारी के कारण जहां पिछले वर्ष महिलाओं ने सीमित रूप में ही व्रत किया था, वहीं इस बार कोरोना से राहत मिलने की स्थिति में फिर वही पुरानी उत्साह और जोश के साथ छठ का पर्व मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने भगवान भास्कर से प्रार्थना किया कि इसी उत्साह और उमंग के साथ हमारी सभी परंपराएं आगे बढ़ती रहें। सभी छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुओं पर भगवान भास्कर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें।

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