ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस एवं ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त निकोलस लो पहुंचे खूंटी, जलवायु परिवर्तन एवं लोगों के जीवन और आजीविका के प्रति क्षेत्र के लोगों के दृष्टिकोण को समझना

खूंटी : ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस एवं ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त निकोलस लो ने रनियां प्रखण्ड के दाहू पंचायत अंतर्गत गोइलकेरा गांव का दौरा किया। मौके पर विशेष रूप से उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त व जिला प्रशासन की टीम उपस्थित रही।

गांव में परंपरागत तरीके से महिलाओं ने ब्रिटिश उच्चायुक्त व सभी अतिथियों का भव्य स्वागत किया। ढोल नगाड़े और मांदर की थाप पर गीत नृत्य के साथ सांस्कृतिक वेश भूषा मे देख मंत्रमुग्ध हो गए। अपने देश की राष्ट्रीय भाषा अंग्रेजी में उन्होंने गांव की महिलाओं को सराहना की।

इस दौरान ग्रामीणों के साथ विशेष सामुदायिक बैठक की गई।
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बैठक का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और लोगों के जीवन और आजीविका के प्रति क्षेत्र के लोगों के दृष्टिकोण को समझना रहा। इस दौरान विशेष रूप से ग्राम के समग्र विकास को लेकर फिया फाउंडेशन एवं जिला प्रशासन के समर्थन एवं प्रयासों व आगे की योजना पर भी विशेष चर्चा की गई।

मौके पर ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस द्वारा जिला प्रशासन एवं ग्रामीणों की सराहना की गयी। उन्होंने कहा कि हम सभी के सामूहिक प्रयासों से खुशहाली आयेगी। उन्होंने तेजस्विनी की बच्चियों के गीत एवं सभी महिलाओं के आत्मविश्वास को सराहा। साथ ही उनका उत्साह बढ़ाया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के एकजुट प्रयास ग्रामीणों के समग्र विकास का सूत्रधार बनेंगे। हमें इसका सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है। जिससे हर व्यक्ति स्वावलंबन और आत्मविश्वास को सिद्ध कर सके। हम अपने गाँव और अपने श्रम से आत्मनिर्भर जीवन की ओर कदम बढ़ाएंगे।

उच्चायुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि ब्रिटिश सरकार और भारत सरकार के द्वारा देश के 13 राज्यों में कई महत्वकांक्षी योजनाएं चला रही है आने वाले वर्षों में दशा और दिशा में परिवर्तन आएगा। इसके लिए भारत सरकार और ब्रिटिश सरकार के बीच एक साझा कार्यक्रम तैयार किया गया है।

इसका असर जल्द लोगों को देखने के लिए मिलेगा। उन्होंने हिंदी भाषा में भी लोगों से वार्ता करने का प्रयास किया।

इसी कड़ी में ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त निकोलस लो द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं जल वायु परिवर्तन के सम्बंध में बताया। उन्होंने शिक्षा एवं कृषि के क्षेत्र में किये गए प्रयासों पर भी जानकारी दी। उन्होंने इन कार्यो को सफल रूप प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन, प्रदान और सखी मण्डल की दीदियों के साथ जनसामान्य की भी सराहना की है। साथ ही इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए ग्रामीणों का आत्मबल भी बढ़ाया। उन्होंने महिला किसानों की प्रसंशा करते हुए कहा कि दीदियों ने ग्रामीणों को अपने हित के लिए जागरूक बनने की राह दिखाई।

ग्रामीणों ने विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किये

इस दौरान SHG दीदी , ग्रामीण एवं तेजस्विनी की अनिता कुमारी समेत अन्य ग्रामीणों ने अपने विचार रखें एवं समस्याओं के सम्बंध में भी जानकारी दी।
मौके पर बताया कि सखी मण्डल की दीदियों को उचित प्रशिक्षण उपलब्ध कराते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य है। SHG दीदियों ने बताया कि किस प्रकार आजीविका के प्रशिक्षण से जुड़ने पर उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आया है।

दीदियों ने बताया कि इस ग्राम में अब डायन कुप्रथा जड़ से मिट चुकी है। सभी ग्रामीण कुप्रथाओं से मुक्त हैं एवं जागरूक हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी का बीमा किया जा चुका है।

उच्चायुक्त गांव में लोगों की विभिन्न समस्याओं से रूबरू हुए। लोगों ने गांव में व्याप्त डायन कुप्रथा, बाल विवाह मनरेगा से संबंधित समस्या पलायन, जलवायु परिवर्तन जैसे विकट समस्याओं से उन्हें रूबरू कराया। मौके पर जयराम मुंडा, मार्शल मुंडा, अनीता तोपनो, जेवियर सुरीन, जीवन सुररीन के अलावे दर्जनों गांव के लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ करने के उद्देश्य से एवं प्रगति के ओर ग्रामीणों का उत्साहवर्धन करने के लक्ष्य को साझा करने के लिए ग्रामीणों से सीधी वार्ता की गई।

ग्रामीणों ने शिक्षा व पलायन की समस्या के सम्बंध में चर्चा की। उपायुक्त ने कहा कि जिले में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए आधारभूत संरचना को विकसित किया जा रहा है एवं अभियान के तहत बच्चों को विद्यालय से जोड़ा जा रहा है। साथ ही उपायुक्त ने सम्बन्धित अधिकारी को जल्द से जल्द मनरेगा के सम्बन्धित कार्यों एवं समय पर भुगतान के निर्देश भी दिए।

इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से व्यवहार्य और आत्मनिर्भर बनने के लिए कृषि उद्यमिता कौशल विकसित  करना आवश्यक है।

साथ ही विपणन और व्यापार की आवश्यकता के आधार पर चर्चा की गई। साथ ही उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर का विकास भी कृषि के माध्यम से सम्भव है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड में कृषि के क्षेत्र में बहुत सम्भावनाएं हैं। विशेषक व्यापक स्तर पर करने से किसानों को सीधा लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि हम सभी का उद्देश्य होना चाहिए कि इन योजनाओं को कृषक मित्रों के माध्यम से गांव-गांव तक पहुंचाया जा सके।

जल वायु परिवर्तन को लेकर हुई चर्चा

साथ ही जिले के सभी निबंधित किसानों को केसीसी से आच्छादित करना, कृषि ऋण माफी योजना एवं सॉइल हेल्थ कार्ड व बीज वितरण के सम्बंध में जानकारी दी गयी।
इस दौरान कृषि, मत्स्य, पशुपालन व उद्यान विभाग से जुड़े विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी व इन योजनाओं के लाभ के सम्बंध में चर्चा की गई।

चर्चा के दौरान सम्भावित सूखे की स्थिति पर भी विशेष ध्यान आकृष्ट किया गया। उपायुक्त द्वारा बताया गया कि ग्रामीणों को वायु परिवर्तन के घटकों को समझने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना से लाभान्वित करने हेतु प्रत्येक ग्राम में कैम्प लगाए जा रहे हैं। साथ ही ऐसी स्थिति में वैकल्पिक खेती के सम्बंध में भी किसानों को जागरूक करने हेतु कृषक गोष्ठि व अन्य शिविर आयोजित किये जायेंगे।

जिला प्रशासन के प्रयासों से सामाजिक व आर्थिक प्रगति की ओर अग्रसर हो रही महिला किसान

मौके पर सखी मण्डल की दीदियों ने भी JSLPS के माध्यम से उन्हें उपलब्ध कराए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी दी।उन्होंने कहा कि आजीविका से सम्बंधित उपलब्ध कराए जा रहे प्रशिक्षण के माध्यम से बहुमुखी प्रगति के पथ पर अग्रसर हैं।

उपायुक्त ने ग्रामीणों को खेती के साथ-साथ पशुपालन व मत्स्य पालन की दिशा में भी प्रेरित किया।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान में लोगों को सामाजिक प्रगति की ओर अग्रसर होने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष में हम सभी का उद्देश्य है कि वर्षा जल के बहाव को कम करना, वर्षा जल का संचय, जमीन में नमी की मात्रा बढ़ाना, जल संरक्षण की विभिन्न संरचनाओं का निर्माण व फलदार वृक्षारोपण आदी को धरातल पर सफल रूप प्रदान करने में हमें मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।

उपायुक्त ने बताया कि पूरे जिले में उद्यान कृषि, फूलों की बागवानी, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, उन्‍नत एवं वैज्ञानिक कृषि और सिंचाई से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

इसी कड़ी में भ्रमण के दौरान फ़िया एवं जिला प्रशासन के सामूहिक सहयोग से संचालित सामुदायिक भवन अथवा ग्राम सभा सचिवालय का अवलोकन किया गया। साथ ही ग्रामीणों द्वारा लगाए गए पोषक आहार बनाएं गए शिल्प के प्रदर्शनी भी लगाए गए थे।

इस दौरान उपायुक्त द्वारा बताया गया कि आमजनों के जागरूक दृष्टिकोण के साथ सभी प्रकार की महत्वकांक्षी योजनाओं को निश्चित ही सफल रूप प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे इन प्रयासों से गांव-गांव तक आत्मनिर्भर जीवन का सन्देश देने में सहायक सिद्ध होगा।

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