बिहार हिंसा पर विधानसभा में भाजपा का हंगामा, नारेबाजी; सदन स्थगित

पटना : बिहार में रामनवमी पर कई जिलों में भड़की हिंसा को लेकर सियासत तेज है। राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर भाजपा नीतीश सरकार पर हमलावर है। इसी कड़ी में सोमवार को भाजपा विधायकों ने विधानसभा में भी जमकर हंगामा किया। पक्ष-विपक्ष के नेता सदन में भिड़ गए।
आज सुबह 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा विधायकों ने सदन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा नेताओं ने महागठबंधन सरकार के खिलाफ हाथ में पोस्टर लेकर दंगाइयों को बचाना बंद करो, हिंदुओं पर अत्याचार बंद करों, जैसे नारे लगाए। इसके बाद सदन के अंदर भी भाजपा के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।
बिहार के नालंदा, रोहतास, भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर सहित अन्य जिलों में तनाव को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा और इसे प्रशासनिक विफलता करार दिया। विपक्ष ने कहा नीतीश कुमार सरकार चलाने में नाकाम साबित हो रही है। नालंदा में हिंसा के चार दिन बाद भी हालात पर काबू पाने में विफलता को लेकर भाजपा ने नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की। वहीं, सत्तापक्ष ने पलटवार करते हुए भाजपा पर आरोप लगाया और कहा कि राज्य में जानबूझकर माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। राजद और जदयू विधायकों ने भाजपा पर बिहार में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का आरोप लगाया।
भाजपा विधायकों और विधान पार्षदों का प्रदर्शन
हंगामे को दौरान विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी बार-बार विधायकों को समझाते नजर आए, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। आखिरकार, उन्होंने पहली पाली की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी। भाजपा के विधायकों और विधान पार्षदों ने बिहार विधान परिषद के बाहर भी प्रदर्शन किया।
बिना अफसरों की मिलीभगत के ये घटनाएं असंभव : सुधाकर
वहीं, राजद विधायक सुधाकर सिंह ने अधिकारियों पर सवाल उठाए और कहा कि बिना अफसरों की मिलीभगत के बगैर ऐसी घटना होना असंभव है। सुधाकर सिंह ने कहा कि अमित शाह को बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। लोकसभा चुनाव आने वाले है। इसलिए राजनीतिक तौर पर घटनाओं को अंजाम दिया गया है।

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